यूपी में शराब के शौकीनों की कैश की झंझट खत्म : दुकानदार के डिजिटल पेमेंट से इनकार पर यहां करें शिकायत

UPT | यूपी में अब शराब के लिए डिजिटल पेमेंट

Nov 15, 2024 15:20

आबकारी आयुक्त ने कहा कि प्रत्येक फुटकर शराब दुकान पर यूपीआई आईडी और क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। अगर किसी दुकान पर यह सुविधा नहीं है, तो ग्राहक स्थानीय अधिकारियों को सूचित कर सकते हैं और उपरोक्त नंबरों पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

Lucknow News : प्रदेश सरकार ने शराब की बिक्री में पारदर्शिता और सुविधा को बढ़ावा देने के लिए अहम फैसला किया है। अब राज्य की सभी शराब की दुकानों पर डिजिटल पेमेंट को अनिवार्य कर दिया गया है। आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह ने सभी विक्रेताओं को निर्देश दिया है कि वे यूपीआई आईडी और क्यूआर कोड के माध्यम से ग्राहकों से भुगतान स्वीकार करें। यदि कोई दुकानदार इस नियम का उल्लंघन करता है और डिजिटल पेमेंट लेने से मना करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पॉश मशीन से स्कैनिंग अनिवार्य 
आबकारी आयुक्त ने बताया कि सभी शराब की दुकानों पर पॉश मशीन से स्कैनिंग के माध्यम से ही बिक्री की जाएगी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि उपभोक्ता को उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण शराब मिले, राज्य भर में उन दुकानों पर पॉश मशीनें लगाई गई हैं, जहां पहले से यह सुविधा नहीं थी।



शिकायत करने के लिए टोल फ्री और व्हाट्सऐप नंबर 
अगर ग्राहक को निर्धारित मूल्य से अधिक पर शराब बेची जा रही है, तो वह टोल फ्री नंबर 14405 पर शिकायत कर सकता है। इसके अलावा, ग्राहक व्हाट्सऐप नंबर 9454466004 पर मैसेज भेजकर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

बीयर की स्कैनिंग की व्यवस्था 
विशेष रूप से बीयर खरीदते समय ग्राहकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि विक्रेता हर कैन या बोतल को स्कैन करे। इस प्रक्रिया के माध्यम से ओवर रेटिंग को रोका जा सकता है और ग्राहकों को सही कीमत पर बीयर मिल सकेगी।

हर दुकान पर डिजिटल पेमेंट की सुविधा 
आबकारी आयुक्त ने कहा कि प्रत्येक फुटकर शराब दुकान पर यूपीआई आईडी और क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। अगर किसी दुकान पर यह सुविधा नहीं है, तो ग्राहक स्थानीय अधिकारियों को सूचित कर सकते हैं और उपरोक्त नंबरों पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

नियम का उद्देश्य और प्रभाव 
इस नए नियम का मुख्य उद्देश्य शराब बिक्री में पारदर्शिता बढ़ाना और उपभोक्ताओं को डिजिटल भुगतान के लिए प्रेरित करना है। इससे न केवल ओवर रेटिंग पर रोक लगेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर शराब भी उपलब्ध हो सकेगी।

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