AKTU : 120 करोड़ की ठगी के केस में दो और आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल, यहां तक पहुंची जांच

UPT | AKTU

Nov 15, 2024 12:12

पुलिस ने इस मामले में पहले ही बस्ती निवासी कृष्णकांत त्रिपाठी, अमेठी के मुसाफिरखाना निवासी आलम, और उन्नाव के राजेश बाबू को हिरासत में लिया था। हाल ही में पुलिस ने गुजरात के भरुच निवासी अजय सुरेश भाई पटेल और बस्ती के अनुराग श्रीवास्तव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।

Lucknow News : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के खाते से 120 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने दो और व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। पुलिस ने इस मामले में सात सौ पन्नों की विस्तृत चार्जशीट तैयार की है। इससे पहले सात अन्य आरोपियों के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका था।

साइबर थाने में एफआईआर
यह मामला 12 जून को तब सामने आया जब यूनियन बैंक की विधानसभा मार्ग शाखा के मैनेजर अनुज कुमार सक्सेना ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि ठगों ने यूनिवर्सिटी के फाइनेंस अफसर के नाम से फर्जी पहचान बनाकर बैंक से संपर्क किया और 100 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट के नाम पर धोखाधड़ी की योजना बनाई।



ठगी के लिए जाली दस्तावेज और ईमेल का इस्तेमाल
आरोपियों ने नकली दस्तावेजों और ईमेल आईडी का उपयोग करके यूनिवर्सिटी के खाते से 120 करोड़ रुपये का स्थानांतरण किया। इस पूरे मामले की साजिश का मुख्य सूत्रधार अनुराग श्रीवास्तव था, जो बस्ती के हरैया का निवासी है। उसने अपने साथी चांद के साथ मिलकर यह योजना बनाई थी।

मुख्य साजिशकर्ता ने इस तरह रचा खेल
पुलिस ने मामले में प्रमुख साजिशकर्ता के रूप में शैलेश कुमार रघुवंशी को पहचाना है, जिसने इस धनराशि को खपाने की पूरी योजना बनाई। अन्य आरोपियों में अहमदाबाद के पटेल उदय, सूरत के अमरोली कसोड निवासी जोशी देवेंद्र प्रसाद प्रभाशंकर, और लखनऊ के शैलेश कुमार रघुवंशी शामिल हैं।

कई राज्यों से आरोपित गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में पहले ही बस्ती निवासी कृष्णकांत त्रिपाठी, अमेठी के मुसाफिरखाना निवासी आलम, और उन्नाव के राजेश बाबू को हिरासत में लिया था। हाल ही में पुलिस ने गुजरात के भरुच निवासी अजय सुरेश भाई पटेल और बस्ती के अनुराग श्रीवास्तव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।

अदालत में चार्जशीट दाखिल
सात सौ पन्नों की यह चार्जशीट पुलिस की विस्तृत जांच का नतीजा है, जिसमें विभिन्न तकनीकी और दस्तावेजी सबूतों को शामिल किया गया है। आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान और भी खुलासे होने की संभावना है। इस घटना से खुलासा हुआ है कि ठगी का यह नेटवर्क राज्य के बाहर भी फैला हुआ था। अहमदाबाद, सूरत और लखनऊ जैसे शहरों के आरोपितों के नाम सामने आने से यह मामला और जटिल हो गया है। करोड़ों  रुपये की इस बड़ी ठगी ने एक बार फिर साइबर सुरक्षा और वित्तीय लेन-देन की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट और मामले की आगे की जांच यह तय करेगी कि आरोपियों को कानून की उचित सजा मिल सके।

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