मिशन शक्ति : यूपी की बेटियां बनीं एक दिन की डीएम-एसपी, निस्तारित की लोगों की समस्याएं

UPT | यूपी की बेटियां बनीं एक दिन की डीएम-एसपी

Oct 15, 2024 15:00

प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों में बेटियों को एक दिन के लिए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के पदों पर बैठने का मौका दिया गया। इस पहल के अंतर्गत कई छात्राओं को डीएम (जिलाधिकारी), एसपी (पुलिस अधीक्षक), सीडीओ (मुख्य विकास अधिकारी) और एसडीएम (उपजिलाधिकारी) की जिम्मेदारी दी गई, जिससे बेटियों को वास्तविक प्रशासनिक कार्यों का अनुभव प्राप्त हुआ।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार के नेतृत्व में महिलाओं और बेटियों को सशक्त, आत्मनिर्भर और प्रोत्साहित करने के लिए शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर राज्यभर में मिशन शक्ति के तहत कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों में बेटियों को एक दिन के लिए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के पदों पर बैठने का मौका दिया गया। इस पहल के अंतर्गत कई छात्राओं को डीएम (जिलाधिकारी), एसपी (पुलिस अधीक्षक), सीडीओ (मुख्य विकास अधिकारी) और एसडीएम (उपजिलाधिकारी) की जिम्मेदारी दी गई, जिससे बेटियों को वास्तविक प्रशासनिक कार्यों का अनुभव प्राप्त हुआ।

बेटियों को मिली प्रशासनिक भूमिकाएं
इस पहल में विभिन्न जिलों की बेटियों ने भाग लिया। लखीमपुर खीरी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार से संबंध रखने वाली कक्षा आठवीं की छात्रा अग्रिमा धवन को एक दिन का जिलाधिकारी बनाया गया। उन्होंने जनसुनवाई के दौरान लोगों की समस्याएं सुनीं और सब्जियों की कीमतों को नियंत्रित करने के निर्देश दिए। इसके साथ लखीमपुर की सात तहसीलों में क्रमशः अन्य छात्राओं को एसडीएम के रूप में कार्य करने का मौका मिला, जिनमें भाव्या सिंह, स्मृति सिंह, निधि गुप्ता, अनन्या रस्तोगी, अनुष्का पटेल, नन्दिनी गुप्ता, और खुशबू राठौर शामिल थीं। सभी ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए प्रशासनिक कार्यों में जरुरी निर्णय लिए।



जौनपुर के सजल ने किया 14 मामलों का तत्काल समाधान 
जौनपुर जिले में इंटरमीडिएट की टॉपर सजल गुप्ता ने एक दिन के लिए डीएम बन कर कुल 87 शिकायतों की सुनवाई की और उनमें से 14 मामलों का तत्काल समाधान किया। सजल ने इस अनुभव से प्रेरित होकर भविष्य में प्रशासनिक सेवा में शामिल होने की इच्छा जताई। मीरजापुर जिले में भी मेधावी छात्राओं को डीएम और सीडीओ के पद पर नियुक्त किया गया, जहां शिवांशी द्विवेदी को डीएम और लक्ष्मी रतन मौर्य को सीडीओ बनाया गया। दोनों छात्राओं ने महिला संबंधित मामलों पर विशेष ध्यान दिया और जल्द से जल्द समाधान करने के निर्देश दिए।

इस जिलों में बेटियों ने सुनी समस्याएं
महराजगंज जिले में भी बेटियों को प्रशासनिक जिम्मेदारियां सौंपी गईं। कक्षा 12 की छात्रा अर्पिता सिंह को एक दिन के लिए डीएम और प्रतीक्षा सिंह को एसपी बनाया गया। उन्होंने जनता की समस्याओं को सुना और उनका निस्तारण किया। इसी तरह, गाजीपुर जिले में प्रियंका कुशवाहा को डीएम बनाया गया। उन्होंने जनता दर्शन कार्यक्रम में लोगों की समस्याएं सुनीं और आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। शामली जिले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत इंटरमीडिएट की टॉपर आकांक्षा को डीएम का पद सौंपा गया, जिन्होंने संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायतें सुनकर उनका निस्तारण किया।

महिलाओं के मामलों में त्वरित कार्रवाई के निर्देश
श्रावस्ती में कक्षा 12 की छात्रा रश्मि कसौधन को एक दिन के लिए डीएम और कक्षा 11 की छात्रा सरिता कुमारी को एसपी बनाया गया। डीएम रश्मि ने प्रशासनिक कार्यों में भागीदारी की और डाक फाइलों पर हस्ताक्षर किए। एसपी सरिता ने महिलाओं के मामलों में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। इसी प्रकार, ललितपुर, झांसी, रामपुर और कासगंज में भी बेटियों ने एक दिन के लिए प्रशासनिक जिम्मेदारियों का निर्वहन किया और जनता की समस्याओं का समाधान किया।

कन्या पूजन और शक्ति सारथी कार्यक्रम
इन प्रशासनिक गतिविधियों के साथ-साथ यूपी के कई जिलों में कन्या पूजन और शक्ति सारथी जैसे कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। लखीमपुर खीरी में ग्यारह सौ बेटियों का कन्या पूजन किया गया और उन्हें टिफिन, स्टील की प्लेट, दीवार घड़ी, और हाइजीन किट उपहार प्रदान की गई। इस अवसर पर कुछ बेटियों का अन्नप्राशन संस्कार भी किया गया। लखीमपुर की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि कन्याओं को केवल अवसर की आवश्यकता है, मदद की नहीं। गोंडा जिले में शक्ति सारथी कार्यक्रम के तहत एक हजार पिंक ई-रिक्शा महिलाओं को वितरित किए गए। इन रिक्शाओं का संचालन 90 प्रतिशत से अधिक महिलाएं करेंगी, जिससे महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा। इस दौरान 108 कन्याओं का पूजन भी किया गया और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 9 महिलाओं को सम्मानित किया गया। डीएम नेहा शर्मा ने इस पहल को महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

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