आदमखोरों का आतंक : सीएम योगी ने की आपात बैठक, बाघ-भेड़ियों से बचाव के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश

UPT | सीएम योगी

Sep 02, 2024 17:48

उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में बढ़ोतरी ने राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस गंभीर मुद्दे का संज्ञान लेते हुए सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में बढ़ोतरी ने राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस गंभीर मुद्दे का संज्ञान लेते हुए सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में सीएम योगी ने संबंधित विभागों के मंत्रियों और अधिकारियों को इन घटनाओं को रोकने, उनकी निगरानी करने और उनके बढ़ने के कारणों का विश्लेषण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य के विभिन्न जिलों के अधिकारी तत्काल हरकत में आ गए और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता फैलाने के साथ ही कॉम्बिंग ऑपरेशन्स शुरू करने के निर्देश जारी किए।

मानव-वन्यजीव संघर्ष पर सीएम योगी की चिंता
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में प्रदेश के कई जिलों से आदमखोर भेड़ियों या तेंदुओं द्वारा हमले की खबरें आई हैं। उन्होंने इस प्रकार की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए वन्यजीवों को पकड़ने और आवश्यकता पड़ने पर अन्य आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने जिलों में प्रशासन, पुलिस, वन विभाग, स्थानीय पंचायत और राजस्व विभाग को मिलकर व्यापक जन जागरूकता फैलाने और ग्रामीणों को सुरक्षा के उपायों के बारे में जानकारी देने का आदेश दिया।

अधिकारियों की सक्रियता
सीएम योगी के निर्देशों के बाद, वन मंत्री और संबंधित अधिकारी तुरंत हरकत में आ गए। वन मंत्री ने बहराइच, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, और बिजनौर सहित अन्य जिलों में वन विभाग के अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती के निर्देश दिए। इसके अलावा, ज्वाइंट पेट्रोलिंग बढ़ाने और वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभावित जिलों में कैंप करने का आदेश दिया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां प्रकाश की कमी है, वहां पेट्रोमैक्स की व्यवस्था भी की जाएगी। उत्तर प्रदेश, भारत का पहला ऐसा राज्य है जिसने मानव-वन्यजीव संघर्ष को आपदा घोषित किया है। इसके माध्यम से वन्यजीवों के हमले में घायल लोगों या मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।

जिलाधिकारियों के निर्देश
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद बहराइच, सीतापुर, और लखीमपुर खीरी के जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जिलों में वन विभाग, पुलिस, स्थानीय पंचायत और राजस्व विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। इन निर्देशों के तहत, रेंज स्तर पर वन क्षेत्रों और जंगल से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित गश्त के लिए वन कर्मियों की टीमों को तैनात किया गया है। गश्त की जानकारी रोजाना रजिस्टर में दर्ज की जाएगी और इस प्रक्रिया की निगरानी की जाएगी। साथ ही, आरक्षित वन क्षेत्रों के आस-पास के गांवों में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए बैठकों का आयोजन किया जाएगा। ग्रामीणों को वन्यजीवों से बचाव के उपाय बताए जाएंगे और उन्हें समझाया जाएगा कि वे समूह में आवाज करते हुए अपने खेतों में जाएं, जिससे वन्यजीवों को रास्ते से हटने का मौका मिले। संवेदनशील क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए सार्वजनिक स्थलों पर होर्डिंग्स लगाई जाएंगी और पोस्टर चिपकाए जाएंगे।
अगर किसी क्षेत्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटना घटित होती है तो तत्काल स्थानीय और रेंज स्टाफ द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाएगा और उच्चाधिकारियों को सूचित किया जाएगा। इसके अलावा, जंगल से सटे ग्रामीण सीमाओं और पगडंडियों पर नियमित गश्त की जाएगी और एंटी स्नेयर बाक (जाल फंसाने वाले उपकरण) का लगातार इस्तेमाल किया जाएगा।

सुरक्षा उपायों पर जोर
सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता फैलाने, वन्यजीवों की गतिविधियों की निगरानी करने और सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन, पुलिस और वन विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। यह कदम राज्य के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं और इन्हें पूरी सख्ती से लागू किया जा रहा है।

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