भक्तों के साथ भगवान को भी सर्दी का इंतजार : देवोत्थानी एकादशी पर गर्मी के कारण नहीं बदला पहनावा और भोग

UPT | हनुमान सेतु मंदिर

Nov 12, 2024 17:00

मौसम में गर्मी के असर के कारण इस बार अभी तक भगवान को ऊनी कपड़े नहीं पहनाए गए हैं। सभी प्रमुख मंदिरों के महंत और कमेटी ठंड के दस्तक देने का इंतजार कर रहे हैं, जिससे अपने आराध्य को वह गर्म वस्त्र पहना सकें।

Lucknow News : आधा नवंबर गुजरने को है। लेकिन, मौसम में तल्खी बरकरार है। हालत ये है कि जिस वक्त लोग गुलाबी सर्दी का आनंद लेते थे, वहां अभी भी पंखे चल रहे हैं। दिन में लोग अभी भी गर्मी अधिक लगने पर एसी का प्रयोग कर रहे हैं। देर रात के बाद सुबह तक ठंड तक मामूली असर दिखायी दिन के बाद एक बार गर्मी अपना असर दिखाने लगती है। हालत ये है कि वर्ष 2009 के बाद इस बार नवंबर में दिन और रात का पारा रिकॉर्ड कायम कर रहा है। सर्दी का असर नहीं होने के कारण राजधानी में देवालयों में भगवान भी श्रद्धालुओं को गर्मी के वस्त्रों में ही दर्शन दे रहे हैं। हालत ये है कि इस बार देवोत्थानी एकादशी के मौके पर भी भगवान अन्य दिनों की तरह गर्मी के वस्त्रों में नजर आए, जबकि इस दिन से भगवान को ऊनी वस्त्र पहनाने की परंपरा है। 

देवोत्थानी एकादशी को लेकर भगवान की पोशाक का पहले से किया जाता है प्रबंध
मौसम में गर्मी के असर के कारण इस बार अभी तक भगवान को ऊनी कपड़े नहीं पहनाए गए हैं। सभी प्रमुख मंदिरों के महंत और कमेटी ठंड के दस्तक देने का इंतजार कर रहे हैं, जिससे अपने आराध्य को वह गर्म वस्त्र पहना सकें। सामान्य तौर पर देवोत्थानी एकादशी को देखते हुए मंदिरों में पहले से ही भगवान की सर्दी की पोशाक तैयार कर दी जाती है। इसके अलावा कई जगह भगवान को सर्दी से राहत देने के लिए ब्लोअर का भी इंतजाम किया जाता है। साथ ही उन्हें गर्म पकवानों का भोग लगाना शुरू कर दिया जाता है। 



हनुमान सेतु मंदिर में ठंड होने पर बाबा को ओढ़ाया जाएगा कंबल
लखनऊ विश्वविद्यालय के सामने स्थित प्रसिद्ध हनुमान सेतु मंदिर के प्रशासन के मुताबिक जैसे ही ठंड बढ़ेगी, भगवान को ऊनी परिधान ओढ़ाए जाएंगे। यहां बाबा नीब करौरी को भी ठंड बढ़ने पर कंबल ओढ़ाया जाएगा। इसके बाद पूरे जाड़े में भगवान ऊनी वस्त्रों में ही भक्तों को दर्शन देंगे। हनुमान सेतु मंदिर में मंगलवार और शनिवार को सामान्य दिनों की अपेक्षा काफी भीड़ रहती है। शीतलहर के मद्देनजर यहां विशेष प्रबंध किए जाते हैं। लेकिन, इस बार जाड़े के दस्तक नहीं देने के कारण अभी तक गर्मी की तर्ज पर ही व्यवस्था की जा रही है।

मनकामेश्वर मंदिर में ठंड बढ़ने पर भगवान को पहनाई जाएगी टोपी और स्वेटर
डालीगंज के प्रसिद्ध श्री श्रीमनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्यागिरि ने बताया कि इस बार भगवान को अभी तक गर्म वस्त्र नहीं पहनाए गए हैं क्योंकि ठंड अभी तक ज्यादा नहीं बढ़ी है। जब ठंड में इजाफा होगा, तब भगवान श्रीराम, सीता माता, लक्ष्मण जी और हनुमान जी को शॉल, स्वेटर और टोपी पहनाई जाएंगी। अभी भगवान गर्मी के कपड़ों में ही विराजमान हैं। 

श्रीराधा-माधव मंदिर की तैयारी
डालीगंज स्थित श्री राधा माधव मंदिर के पुजारी लालता प्रसाद ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के बाद ठंड बढ़ने पर भगवान को गर्म कपड़े पहनाए जाएंगे। इसके साथ ही भोग में भी बदलाव होगा। भोग में सुबह तिल के लड्डू और पपड़ी, दोपहर में खीर और शाम को आरती के बाद केसर का दूध दिया जाएगा। फिलहाल ठंड नहीं होने से गर्मी के हिसाब से व्यवस्था चल रही है।

इस्कॉन मंदिर में विशेष भोग और वस्त्र
सुशांत गोल्फ सिटी के इस्कॉन मंदिर में ठंड बढ़ने पर भगवान को शॉल पहनाने की तैयारी है। मीडिया प्रभारी रति वल्लभ दास के अनुसार, भगवान के भोग में भी बदलाव किया जाएगा। भोग में पनीर की सब्जी, मेवे वाली खीर, आलू के फिंगर्स, धनिया-टमाटर की चटनी और शयन आरती के बाद केसर का दूध दिया जाएगा।

श्रीगोवर्धन श्रीनाथ मंदिर: ठंड की तैयारी शुरू
सुभाष मार्ग स्थित श्रीगोवर्धन श्रीनाथ मंदिर के पदाधिकारी नवल रस्तोगी ने बताया कि मंगलवार से भगवान को स्वेटर, बगलबंद और ऊनी टोपी पहनाई जा रही है। भोग में भी बदलाव करते हुए सुबह मंगला आरती के समय फल, नाश्ते में सोंठ व तिल के लड्डू, दोपहर में पूड़ी-सब्जी और रात को शयन आरती के बाद मेवे और केसर का दूध दिया जाएगा।
 

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