डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट 2024 : उपभोक्ता परिषद बोला- स्मार्ट प्रीपेड मीटर की घटिया क्वालिटी पर क्यों नहीं उठाए जा रहे सवाल

UPT | डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट 2024

Nov 14, 2024 15:56

डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट 2024 में जो स्टॉल लगे हैं वह दो प्रकार के हैं। इनमें छोटे स्टॉल तीन लाख और बड़े स्टॉल छह लाख में स्मार्ट प्रीपेड मीटर निर्माता कंपनियों ने दो दिन के लिए बुक कराए हैं। उपभोक्ता परिषद ने सवाल उठाए हैं कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर निर्माता कंपनियां इस मीट के माध्यम से क्या कोई ऐसा माहौल स्थापित करना चाहती हैं, जिसमें उनके घटिया मीटर भी आसानी से उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं के परिसर पर लग जाएं।

Lucknow News : इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम की तरफ से राजधानी लखनऊ में आयोजित की गई आठवीं डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट 2024 को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद ने सवाल उठाए हैं। पांच सितारा होटल में आयोजित इस दो दिवसीय आयोजन में शामिल होने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी पहुंचे हैं। उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड के आलाधिकारी इसमें शामिल हुए हैं। वहीं इसमें देश की 75 प्रतिशत स्मार्ट प्रीपेड मीटर निर्माता कंपनियों ने शिरकत की है। इन कंपनियों ने यहां अपने स्टाल भी लगाए हैं। 

तीन लाख में छोटे और छह लाख में बड़े स्टॉल की बुकिंग
डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट 2024 में जो स्टॉल लगे हैं वह दो प्रकार के हैं। इनमें छोटे स्टॉल तीन लाख और बड़े स्टॉल छह लाख में स्मार्ट प्रीपेड मीटर निर्माता कंपनियों ने दो दिन के लिए बुक कराए हैं। उपभोक्ता परिषद ने सवाल उठाए हैं कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर निर्माता कंपनियां इस मीट के माध्यम से क्या कोई ऐसा माहौल स्थापित करना चाहती हैं, जिसमें उनके घटिया मीटर भी आसानी से उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं के परिसर पर लग जाएं। उन्होंने कहा कि अगर कंपनियों की ऐसी मंशा तो वह सफल नहीं हो पाएगी। संगठन ने कहा कि स्टॉल में कंपनियां अपनी उन्नत तकनीक का दावा कर रही हैं। लेकिन, ये स्मार्ट प्रीपेड मीटर फील्ड पर आते ही घटिया क्यों हो जाते हैं, इसका सवाल कौन पूछेगा।



अनेक राज्यों के डिस्काम के मुखिया से लेकर निजी घरानों ने की शिरकत
उपभोक्ता परिषद ने डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट 2024 के आयोजन पर बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें देश के अनेक राज्यों के डिस्काम के मुखिया भाग ले रहे हैं। देश के निजी घरानों ने भी शिरकत की है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने भी हिस्सा लिया। वहीं उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग सहित पावर कारपोरेशन के मुखिया भी आयोजन में शामिल हुए। सभी ने अपने-अपने स्तर से सुधार की बातें की। लेकिन उपभोक्ताओं के मन में भ्रम पैदा होना स्वाभाविक है, क्योंकि इस पूरी मीट से प्रदेश का उपभोक्ता किसान और आम जनता नदारद रही।

यूपी में नहीं लगने दिए जाएंगे घटिया क्वालिटी के स्मार्ट प्रीपेड मीटर 
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कारपोरेशन और कोई देश का निजी घराना कोई भी मीट आयोजित करे, उस पर करोड़ों का खर्च करे, उससे उपभोक्ताओं को कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन, उसके खर्च की भरपाई उपभोक्ताओं के टैरिफ से नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की क्वालिटी अच्छी है, तो स्वागत है। लेकिन, घटिया क्वालिटी का मीटर माहौल बनाकर उपभोक्ताओं के परिसर पर लगाने की योजना है तो वह कतई प्रदेश में सफल नहीं होने वाली है। 

एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड को 40 लाख स्मार्ट मीटर का ठेका देने पर उठ चुके हैं सवाल
उन्होंने कहा कि सबसे पहले केंद्रीय पावर सेक्टर के उच्च अधिकारियों व ऊर्जा मंत्री को यह बात स्पष्ट करना चाहिए कि जब विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47(5) में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का अधिकार वैकल्पिक है, तो सभी उपभोक्ताओं के यहां अनिवार्य रूप से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का माहौल क्यों बनाया जा रहा है। इसके पहले एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड ने प्रदेश में 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का भारी भरकम ठेका लिया। लेकिन, आधे रास्ते से वह गायब क्यों हो गई इसका कोई जवाब नहीं है। प्रदेश में पुरानी तकनीक के 12 लाख स्मार्ट मीटर का खामियाजा आज भी प्रदेश के उपभोक्ता भुगत रहे हैं, उस पर इस डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट में कोई बात नहीं हुई कि इसकी तकनीकी को अपग्रेड किया जाए। केवल देश के निजी घराने को बढ़ावा देकर ऊर्जा सेक्टर का उद्धार बिल्कुल नहीं हो सकता। यह बात बिजली कंपनियों का डिस्काउंट को समझना होगा।

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