उपभोक्ता परिषद के मुताबिक पावर कारपोरेशन के अधिकारी यह मानते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों से राजस्व नहीं आता है, इसलिए उन्हें 24 घंटे बिजली देना कठिन है। हालांकि, यह तर्क तब कमजोर पड़ता है जब सरकार ग्रामीण बिजली दरों पर सब्सिडी के रूप में हजारों करोड़ रुपए पावर कारपोरेशन को देती है।