Eco-Tourism : दुधवा-कतर्नियाघाट और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में तैयार होंगे नेचर गाइड, बच्चों के लिए क्यूरेटेड टूर होगा खास

UPT | दुधवा नेशनल पार्क-कतर्नियाघाट

Sep 25, 2024 22:20

दुधवा नेशनल पार्क और अन्य ईको-टूरिज्म स्थलों पर नेचर गाइड के रूप में स्थानीय युवाओं को तैयार किया जाएगा। इसके लिए योग्यता मापदंड निर्धारित किए गए हैं, जिनमें 18 से 35 वर्ष की उम्र सीमा और न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट तय की गई है।

Lucknow News : प्रदेश में प्राकृतिक स्थलों को संरक्षित रखते हुए ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग एक विशेष रणनीति पर काम कर रहा है। विभाग का उद्देश्य इसके जरिए स्वच्छ और स्थायी स्वरोजगार के साथ स्थानीय लोगों के आर्थिक सशक्तीकरण पर फोकस करना है। योजना के तहत दुधवा नेशनल पार्क, कतर्नियाघाट और पीलीभीत टाइगर रिजर्व जैसे स्थलों पर नेचर गाइड तैयार किए जाएंगे, जो पर्यटकों को इन प्राकृतिक धरोहरों से परिचित कराएंगे।

क्यूरेटेड टूर: स्कूली बच्चों के लिए अनूठा अनुभव
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि क्यूरेटेड टूर के माध्यम से प्रदेश के स्कूलों के छात्र-छात्राओं को प्राकृतिक स्थलों और पक्षी विहारों का भ्रमण कराया जाएगा। इन स्थलों पर पर्यावरण संरक्षण, वन्य जीव और प्राकृतिक विरासत के बारे में बच्चों को विस्तार से जानकारी दी जाएगी। क्यूरेटेड टूर का पहला चरण नवाबगंज पक्षी विहार से शुरू होगा। इसके अलावा, इस टूर के दौरान छात्रों को फिल्म दिखाकर और विशेषज्ञों के माध्यम से गहन जानकारी दी जाएगी, ताकि उन्हें प्रकृति और पर्यावरण के बारे में समझ विकसित हो सके।



नेचर गाइड के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम
दुधवा नेशनल पार्क और अन्य ईको-टूरिज्म स्थलों पर नेचर गाइड के रूप में स्थानीय युवाओं को तैयार किया जाएगा। इसके लिए योग्यता मापदंड निर्धारित किए गए हैं, जिनमें 18 से 35 वर्ष की उम्र सीमा और न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट तय की गई है। सभी गाइड्स को मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंध संस्थान (एमकेआईटीएम) में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे पर्यटकों को स्थानीय वन्यजीव, जैव विविधता और प्राकृतिक संपदा के बारे में पूरी जानकारी दे सकें।

पर्यटन स्थलों पर बढ़ती सुविधाएं
उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधाओं को लगातार बढ़ाया जा रहा है। इसका उदाहरण फिरोजाबाद के रपड़ी क्षेत्र में देखा जा सकता है, जहां हाल के वर्षों में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड का गठन किया गया है, जो ईको-टूरिज्म स्थलों पर विकास कार्यों की देखरेख कर रहा है।

अन्य प्रमुख स्थलों के लिए योजनाएं
नेचर गाइड कार्यक्रम के अलावा, प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण ईको-टूरिज्म स्थलों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसमें नवाबगंज पक्षी विहार, ओखला पक्षी विहार, सुर सरोवर पक्षी विहार, राजदरी और औरा टांडा जलप्रपात, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, और इटावा लायन सफारी जैसे प्रमुख स्थलों को शामिल किया गया है। यहां पर्यटन गतिविधियों को सुगम बनाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रयास भी जारी हैं।

इज माय ट्रिप के साथ विशेष समझौता
ईको-टूरिज्म को और अधिक सुविधाजनक और आकर्षक बनाने के लिए "इज माय ट्रिप" के साथ उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म विकास बोर्ड का समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत विशेष पैकेज तैयार किए जा रहे हैं, ताकि पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिल सके। इसके साथ ही, क्यूरेटेड टूर के लिए प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों से भी चर्चा की जा रही है, ताकि बच्चों को प्रकृति से जोड़ा जा सके और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा मिल सके।

स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर
नेचर गाइड के रूप में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का यह प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करेगा, बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका में भी सुधार करेगा। पर्यटकों को नेचर गाइड्स के माध्यम से बेहतर जानकारी और अनुभव मिलेगा, जिससे पर्यटन स्थलों पर आने वाले लोगों की संख्या में भी वृद्धि होगी।

पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता बढ़ाने की योजना
यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाएगी, बल्कि पर्यटकों को उत्तर प्रदेश की प्राकृतिक संपदा से भी अवगत कराएगी। इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश के नैसर्गिक स्थलों को संरक्षित रखना और स्थानीय समुदायों को इन स्थलों से जोड़कर रोजगार के अवसर प्रदान करना है।

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