बिजली कर्मी 13 दिसम्बर को प्रदेश भर में मनाएंगे निजीकरण विरोध दिवस : बोले- ऊर्जा निगमों में अस्थिरता का कारण बन रहा निर्णय

UPT | बिजली कर्मी 13 दिसंबर को मनाएंगे निजीकरण विरोधी दिवस।

Dec 12, 2024 19:32

प्रदेश के बिजली कर्मचारी और अभियंता 13 दिसंबर 2024 को निजीकरण विरोधी दिवस मनाएंगे। पावर कार्पोरेशन के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।

Lucknow News  यूपी के बिजली कर्मचारी और अभियंता 13 दिसम्बर को निजीकरण विरोध दिवस मनाएंगे। पावर कार्पोरेशन के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने आरोप लगाया कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा बिजली वितरण का निजीकरण करने का निर्णय प्रदेश के ऊर्जा निगमों में अस्थिरता का कारण बन रहा है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से कर्मचारी और अभियंता आक्रोशित हैं, जबकि वे पहले से ही बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए पूरी मेहनत से कार्य कर रहे थे।

42 जिलों में निजीकरण पर कर्मचारियों में आक्रोश
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रबंधन ने 42 जिलों में बिजली वितरण के निजीकरण की योजना बनाकर कर्मचारियों को असंतुष्ट कर दिया है। इसके साथ ही बिना परिसंपत्तियों का उचित मूल्यांकन किए अरबों रुपये की जमीन और अन्य परिसंपत्तियों को निजी कंपनियों को सौंपने की तैयारियों पर भी सवाल उठाए गए हैं।



निजीकरण से आर्थिक नुकसान का दावा
समिति संयोजक का कहना है कि निजीकरण से पावर कार्पोरेशन को वित्तीय नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति से प्रति यूनिट अधिक राजस्व प्राप्त हो रहा है, जबकि निजी कंपनियों से कम दरों पर बिजली खरीदी जा रही है। संयोजक ने कहा की दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम से वर्ष 2023- 24 में प्रति यूनिट रुपया 4.47 मिल रहा है जबकि निजी क्षेत्र की टोरेंट कंपनी से आगरा शहर में पावर कारपोरेशन को मात्र रुपया 4.36 प्रति यूनिट मिला है । यह आंकड़े साफ तौर पर बता रहे हैं की ग्रामीण क्षेत्र और चंबल के बीहड़ रहते हुए भी दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम से पावर कारपोरेशन को अधिक पैसा मिल रहा है और टोरेंट को बिजली देने में पावर कारपोरेशन को घाटा हो रहा है ।

शांतिपूर्ण विरोध की तैयारी
बिजली कर्मचारी शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं ताकि उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में विरोध सभाओं का आयोजन होगा। इन सभाओं में कर्मचारियों और उनके परिवारों के साथ-साथ उपभोक्ताओं का भी समर्थन मिल रहा है।

कर्मचारी-उपभोक्ता एकजुट
लखनऊ स्थित हाईडिल कॉलोनी और कार्यालय परिसरों में कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया और अपनी चिंताओं को साझा किया। समिति ने स्पष्ट किया कि इस आंदोलन का उद्देश्य प्रदेश की बिजली व्यवस्था को प्रभावित किए बिना निजीकरण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करना है। प्रदेश में यह आंदोलन व्यापक स्तर पर विरोध का रूप ले रहा है, जिसमें बिजली कर्मचारी, अभियंता और उपभोक्ता भी शामिल हो रहे हैं।

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