मंदिर-मस्जिद से जुड़े नए केस दायर करने पर फिलहाल रोक : सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुस्लिम धर्मगुरु गदगद, जानिए क्या बोले

UPT | सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुस्लिम धर्मगुरु गदगद।

Dec 12, 2024 21:14

मस्जिद या धर्मस्थल को लेकर सर्वोच्च अदालत के अगले आदेश तक कोई मुकदमा भी दर्ज नहीं किया जाएगा। सर्वोच्च अदालत के इस फैसले का मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने स्वागत किया है।

Lucknow News : सर्वोच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को 1991 के पूजा स्थल अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान नए मुकदमों पर रोक लगा दी। इन सभी मामलों में निचली अदालतें सर्वे के आदेश समेत कोई भी अंतरिम फैसला नहीं दे पाएंगी। मस्जिद या धर्मस्थल को लेकर सर्वोच्च अदालत के अगले आदेश तक कोई मुकदमा भी दर्ज नहीं किया जाएगा। सर्वोच्च अदालत के इस फैसले का मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने स्वागत किया है।

वर्शिप एक्ट को और मजबूती मिलने की उम्मीद
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि मस्जिदों और दरगाहों को लेकर निचली अदालतों के दिए गए आदेश से मुस्लिम समुदाय बेहद आहत था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने राहत की सांस ली है। फरंगी महली ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट अपने अंतिम फैसले में 'प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट' को और ज्यादा मजबूती प्रदान करेगा। ऐसा करना देश की गंगा-जमुना तेहजीब के लिए बे​हद जरूरी है। 



मस्जिद के नीचे मंदिर तलाशने से माहौल खराब हो रहा 
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी और शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि मस्जिद के नीचे मंदिर तलाशने से देश का माहौल खराब हो रहा था। आज सुप्रीम कोर्ट ने बेहतरीन फैसला दिया है। इस फैसले से देश का माहौल बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वरा और चर्च में लोग मन की शांति के लिए जाते हैं। इन पवित्र स्थलों को लेकर झगड़े होने लगे तो इंसान किसके दरवाजे पर जाएगा। लिहाजा अदालत ने जो फैसला दिया है, उसका मैं स्वागत करता हूं। 

वर्शिप एक्ट का नहीं किया जा रहा पालन 
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन ने कहा कि 1991 प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का पालन नहीं किया जा रहा था, जोकि बेहतर दुर्भाग्यपूर्ण है। आज देश की सबसे बड़ी अदालत ने वर्शिप एक्ट को लेकर दिए गए आदेश में धार्मिक स्थलों का सर्वे, निचली अदालतों के फैसले और कोई भी नए मामले दर्ज करने पर रोक लगाई है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग लगातार मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर नौजवानों, मजदूर, किसानों की समस्याएं कहीं ना कहीं पीछे धकेलना चाहते हैं। समाजवादी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती है।

कानून और वर्शिप एक्ट की हुई रक्षा
कांग्रेस विधायक दीपक सिंह ने कहा कि 1991 में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट आया था। इसमें 15 अगस्त 1947 के बाद मंदिर-मस्जिद की जैसी स्थिति थी वह कायम रहेगी का प्रावधान है। लेकिन यूपी की निचली अदालतों ने एक के बाद एक फैसला देने शुरू कर दिए थे। इससे आपसी सौहार्द बिगड़ रहा था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कानून और वर्शिप एक्ट की रक्षा हुई है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है।

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