Lucknow News : गोहत्या से नाराज महामंडलेश्वर कंप्यूटर बाबा ने विधानसभा के बाहर धरना देने की दी चेतावनी

UPT | प्रेस कॉन्फ्रेंस करते कंप्यूटर बाबा

Dec 12, 2024 17:42

मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और महामंडलेश्वर ने लखनऊ पहुंचकर यूपी में गौ हत्या का मुद्दा उठा दिया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कई अधिकारियों और सफेद पोश लोगों की संलिप्ता भी इस मामले में जाहिर की। सरकार को चेतावनी देते हुए विधानभा सत्र के दौरान विधानसभा के बाहर हजारों संतों के साथ उन्होंने धरने पर बैठने की भी बात कह दी है।

Lucknow News : मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री महामंडलेश्वर कंप्यूटर बाबा ने गोहत्या का मुद्दा उठाया। प्रदेश में लगातार हो रही गोहत्या पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। कंप्यूटर बाबा ने गुरुवार को प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी मांगों को अगर अनसुना किया गया, तो वह विधानसभा सत्र में सैकड़ों की संख्या में संतों को लेकर विधानसभा के बाहर धरना देंगे।

सीएम योगी से दोषियों पर कार्रवाई की मांग
संत समाज में गोहत्या को लेकर काफी नाराजगी देखी जा रही है। महामंडलेश्वर कंप्यूटर बाबा ने कहा कि बीते दिनों यूपी के गौतमबुद्धनगर में 340 टन गोमांस गो-रक्षक और पुलिस टीम ने जॉइंट ऑपरेशन में पकड़ा था जिसमें 10 हजार गो-माताओं की क्रूर हत्या की बात सामने आयी थीं, जिसके बाद कंप्यूटर बाबा ने ऐसे दोषियों व अन्य संलिप्त लोगों के खिलाफ सीएम योगी से कार्रवाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद के साहिबाबाद क्षेत्र में न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि अन्य राज्यों की गो-माताओं को काटकर उसके मांस की सप्लाई के लिए इकठ्ठा किया जाता है।



अधिकारियों की संलिप्ता पर उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि पकड़े गए गोतस्करों ने गिरफ्तारी के बाद बताया कि गो-हत्या करके उनके अवशेष और रक्त गंगा में बहा दिए जाते हैं, जिससे किसी को पता ना चले। ऐसे में भविष्य में होने वाला महाकुंभ का जल तो आचमन करने के लायक ही नहीं रहा और गंगा की आत्मा को दूषित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद का साहिबाबाद इसका मुख्य केंद्र है। लेकिन, गाजियाबाद के कमिश्नर और उच्चाधिकारी मौन हैं, जो उनकी संलिप्पता का प्रबल सूचक है। कंप्यूटर बाबा ने कहा कि यूपी सरकार गो-माता को राज्य-माता घोषित करे और इसके साथ ही गोहत्या में संलिप्त लोगों पर कठोरतम कार्यवाई करें, ताकि एक नजीर पेश हो और अगर सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना किया तो फिर वह तमाम संतों के साथ लखनऊ में होने वाले आगामी विधानसभा सत्र के दौरान पहुंचकर धरना देंगे।

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