Lucknow News : पूर्व मंत्री रामलखन वर्मा के बेटे ने हाथ की नस काटी, खुद को कमरे में किया बंद, पुलिस ने ऐसे बचाई जान

UPT | पूर्व मंत्री रामलखन वर्मा के बेटे को अस्पताल ले जाती पुलिस

Dec 31, 2024 17:02

पूर्व मंत्री राम लखन वर्मा का आवास हजरतगंज कोतवाली क्षेत्र के डालीबाग में है। बताया जा रहा है कि उनका बेटा उपकार सिंह नशे का आदी है। इसी हालत में उसने मंगलवार को खुदकुशी की कोशिश की। सूचना मिलते ही हजरतगंज पुलिस मौके पर पहुंची। इंस्पेक्टर ने उसे बातों में उलझाया और इसी दौरान पुलिस टीम दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुए।

Lucknow News : शहर के डालीबाग इलाके में बसपा सरकार के पूर्व मंत्री रामलखन वर्मा के बेटे ने आत्महत्या करने की कोशिश की। नशे की हालत में पूर्व मंत्री के बेटे ने घर के अंदर खुद को बंद कर लिया और हाथ की नस काट ली। सूचना मिलते ही हजरतगंज थाने के इंस्पेक्टर विक्रम सिंह टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे और अंदर दाखिल हाते हुए युवक की जान बचाई। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पुलिस की सक्रियता से बची जान
पूर्व मंत्री राम लखन वर्मा का आवास हजरतगंज कोतवाली क्षेत्र के डालीबाग में है। बताया जा रहा है कि उनका बेटा उपकार सिंह नशे का आदी है। इसी हालत में उसने मंगलवार को खुदकुशी की कोशिश की। सूचना मिलते ही हजरतगंज पुलिस मौके पर पहुंची। इंस्पेक्टर ने उसे बातों में उलझाया और इसी दौरान पुलिस टीम दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुए। उपकार को घायल अवस्था में सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। प्रारंभिक जांच में चिकित्सकों ने यह पाया गया कि उपकार सिंह ने नशे की हालत में यह कदम उठाया था। पुलिस की तेज कार्रवाई और सतर्कता से उसकी जान बच गई।



रामलखन वर्मा  का राजनीतिक सफर
पूर्व मंत्री रामलखन वर्मा उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले के जलालपुर क्षेत्र के रहने वाले थे। उन्होंने 1982 में राजनीति में कदम रखा और पहली बार जिला पंचायत सदस्य चुने गए। 1989 में बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक बने। इसके बाद 1991 और 1993 में जब मुलायम सिंह यादव ने बसपा के सहयोग से मुख्यमंत्री पद संभाला, तो रामलखन वर्मा को पंचायती राज मंत्री का पद दिया गया। हालांकि, बाद में गठबंधन टूटने पर जब भाजपा के समर्थन से मायावती मुख्यमंत्री बनीं, तो उन्होंने रामलखन वर्मा के साथ ही अकेले शपथ ली। राजनीतिक करियर के अंतिम चरण में रामलखन वर्मा ने समाजवादी पार्टी का दामन थामा। लेकिन, 1996 में सपा के टिकट पर अकबरपुर से चुनाव हार गए। 1999 में सुलतानपुर से लोकसभा चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में भी वह सफल नहीं हो सके।

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