यूपी के 7319 गोआश्रय स्थलों पर की गई गोवर्धन पूजा : स्वदेशी उत्पादों के प्रयोग पर फोकस, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल

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Nov 02, 2024 21:52

प्रदेश के 7319 गोआश्रय स्थलों पर गोवर्धन पूजा का कार्यक्रम किया गया। इन सभी स्थलों पर विधिपूर्वक गोपूजन के साथ-साथ गोवंशों को ताजे हरे चारे, गुड़, और फलों का भोग लगाया गया। कार्यक्रम में भारी संख्या में स्थानीय लोग, गोसेवक और प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हुए।

Lucknow News : प्रदेश के सभी गोआश्रय स्थलों पर शनिवार को गोवर्धन पूजा और गोपूजन का आयोजन बड़े हर्षोल्लास के साथ किया गया। यूपी के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता, प्रमुख सचिव समेत विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने अलग-अलग जनपदों में जाकर इन आयोजनों में हिस्सा लिया। सरकार ने इस आयोजन को प्रदेश की संस्कृति से जोड़ते हुए गोवंश संरक्षण व संवर्धन के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में प्रस्तुत किया है।

यूपी के 7319 गोआश्रय स्थलों पर आयोजन
प्रदेश के 7319 गोआश्रय स्थलों पर गोवर्धन पूजा का कार्यक्रम किया गया। जिसमें 6697 अस्थायी गोआश्रय स्थल, 333 वृहद गो संरक्षण स्थल और 289 कान्हा आश्रय स्थल शामिल हैं। इन सभी स्थलों पर विधिपूर्वक गोपूजन के साथ-साथ गोवंशों को ताजे हरे चारे, गुड़, और फलों का भोग लगाया गया। कार्यक्रम में भारी संख्या में स्थानीय लोग, गोसेवक और प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हुए, जिन्होंने गोवंश की महत्ता और उसकी रक्षा के लिए सरकार की इस पहल का स्वागत किया।



कैबिनेट मंत्री और अधिकारी रहे मौजूद
पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बरेली के मऊ चन्द्रपुर, विकास खंड रामनगर स्थित वृहद गो संरक्षण केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि गोवंश संरक्षण के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इस दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। प्रमुख सचिव पशुधन विभाग और निदेशक प्रशासन समेत अन्य उच्च अधिकारियों ने बाराबंकी के निबलेट स्थित वृहद गो संरक्षण केंद्र और लखनऊ के पपनामऊ स्थित अस्थायी गो आश्रय स्थल पर गोवर्धन पूजा में हिस्सा लिया। गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने भी सरेण्डी के अस्थायी गो आश्रय स्थल पर पूजा में भाग लेकर गोवंशों की सेवा की।

गोबर से बने उत्पादों को बढ़ावा देने पर बल
गोवर्धन पूजा के अवसर पर गोवंशों को विशेष भोग के रूप में हरा चारा, गुड़ और फलों का वितरण किया गया। इस आयोजन के माध्यम से जनप्रतिनिधियों ने समाज में गोवंश सेवा और उनके संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया। इसके साथ ही सरकार ने लोगों को स्वदेशी उत्पादों के प्रति प्रेरित करने के लिए गोबर से बने दीपों, मूर्तियों और अन्य उत्पादों का प्रचार-प्रसार करने का आह्वान किया। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि दीपावली के बाद भी इन उत्पादों का व्यापक स्तर पर उपयोग किया जाए और उनकी बाजारों में उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिले और गोबर से निर्मित वस्तुएं समाज में लोकप्रिय बनें।

गोवंश संरक्षण के प्रति बढ़ रहा उत्साह
गोवर्धन पूजा के इस विशेष आयोजन ने प्रदेश भर में गोवंश संरक्षण के प्रति आम जनमानस में उत्साह और जागरूकता बढ़ाई है। विभिन्न जिलों में आयोजित इन कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश सरकार ने यह संदेश दिया कि गोवंश संरक्षण हमारी संस्कृति का हिस्सा है और इस दिशा में राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।

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