अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन कमेटी की बैठक में भारी हंगामा : मारपीट में फेंकी कुर्सियां, सीएम योगी से मिलेंगे संयुक्त सचिव

UPT | अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन कमेटी जनरल बॉडी बैठक

Oct 27, 2024 19:46

हंगामे के दौरान हुई मारपीट में कई सदस्यों को चोटें आई हैं। महिला सदस्य अजरा मुबीन के साथ अभद्रता की घटना के भी आरोप हैं। घटना के वक्त पुलिस बैठक स्थल के बाहर मौजूद थी, लेकिन हंगामे के दौरान उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।

Lucknow News : अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन कमेटी की जनरल बॉडी की बैठक में रविवार को जबरदस्त विवाद हुआ। बैठक के दौरान सदस्यों के बीच तीखी झड़प हुई और एक-दूसरे पर कुर्सी फेंकी गई। हंगामा इतना बढ़ गया कि बैठक में मौजूद कैमरा भी टूट गया। कमेटी के इंचार्ज बिलाल नूरानी ने दिवंगत जफरयाब जिलानी के बेटे और उनके सहयोगियों पर जानलेवा हमला करने का गंभीर आरोप लगाया है।

कानूनी विवाद और नए सदस्य जोड़ने का मसला
कमेटी के संयुक्त सचिव बिलाल नूरानी के मुताबिक अंजुमन की जनरल बॉडी की बैठक साल में दो बार होती है। 2003 से कमेटी में नए सदस्यों को जोड़ने का कार्य रुक गया था, जिसे लेकर रजिस्ट्रार चिट एंड फंड के पास मामला दर्ज है। इसे लेकर रविवार को नए सदस्यों को जोड़ने का प्रस्ताव पास करने के लिए बैठक बुलाई गई थी। बिलाल नूरानी ने आरोप लगाया कि कुछ लोग कमेटी पर जबरदस्ती कब्जा करना चाहते हैं और उसी प्रयास में यह हंगामा हुआ।



मारपीट में सदस्यों को लगी चोटें, महिला के साथ अभद्रता
बताा जा रहा है कि हंगामे के दौरान हुई मारपीट में कई सदस्यों को चोटें आई हैं। महिला सदस्य अजरा मुबीन के साथ अभद्रता की घटना के भी आरोप हैं। बिलाल नूरानी का आरोप है कि हंगामे में जफरयाब जिलानी के बेटे नजम जिलानी और उनके साथी शामिल थे। यह हमला हत्या के इरादे से किया गया और इसका मुख्य उद्देश्य कमेटी के कार्यों में बाहरी हस्तक्षेप करना है।

सीएम योगी आदित्यनाथ से करेंगे मुलाकात 
घटना के वक्त पुलिस बैठक स्थल के बाहर मौजूद थी, लेकिन हंगामे के दौरान उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। बिलाल नूरानी ने कहा कि इस मामले को लेकर वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे और न्याय की मांग करेंगे। घटना के बाद मदयगंज थाने में तहरीर दी गई है। नूरानी का कहना है कि 108 साल पुरानी इस संस्था में पहली बार ऐसा हंगामा हुआ है, जो संस्था की छवि और उसकी सेवा के उद्देश्यों के खिलाफ है।

108 सालों से समुदाय की सेवा में स​क्रिय है अंजुमन
अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन कमेटी पिछले 108 वर्षों से अल्पसंख्यक समुदाय की सेवा में कार्यरत है। यह घटना कमेटी के इतिहास में पहली बार हुई है और इससे कमेटी की निष्पक्ष छवि पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बिलाल नूरानी के अनुसार बाहरी हस्तक्षेप और अनैतिक प्रयासों को रोकना बेहद जरूरी है ताकि कमेटी अपनी सेवा कार्य में स्वतंत्रता से कार्यरत रह सके।

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