यूपी की नौकरशाही से बड़ी खबर : राजा भैया के खिलाफ एक्शन लेने वाले आईएएस मोहम्मद मुस्तफा ने छोड़ी नौकरी 

UPT | मोहम्मद मुस्तफा

Jun 19, 2024 15:23

यूपी कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा ने नौकरी छोड़ दी है। उन्होंने वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) की मांग की थी, जिसे सरकार ने मांग लिया है। मुस्तफा वर्तमान में प्रमुख सचिव, सार्वजनिक उद्यम विभाग के पद पर कार्यरत थे। 

Lucknow News : उत्तर प्रदेश की नौकरशाही की बड़ी खबर है। यूपी कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा ने नौकरी छोड़ दी है। उन्होंने वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) की मांग की थी, जिसे सरकार ने मांग लिया है। मुस्तफा वर्तमान में प्रमुख सचिव, सार्वजनिक उद्यम विभाग के पद पर कार्यरत थे। 

कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुके
मोहम्मद मुस्तफा 1995 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने विभिन्न जिलों जैसे कानपुर देहात, प्रतापगढ़, रामपुर और फतेहपुर में जिलाधिकारी के तौर पर कार्य किया है। इसके अलावा, उन्होंने विशेष सचिव (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी), श्रम आयुक्त और मनोरंजन कर आयुक्त जैसे पदों पर भी काम किया। साल 2020 में मुस्तफा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से उत्तर प्रदेश लौटे और तब से वे प्रमुख सचिव, सार्वजनिक उद्यम विभाग के पद पर कार्यरत थे।

प्रतापगढ़ से चर्चा में आए
जब मायावती मुख्यमंत्री थीं, उस दौरान मोहम्मद मुस्तफा प्रतापगढ़ के डीएम के तौर पर तैनात थे। उन्होंने रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे, जिससे वह सुर्खियों में आए थे। अपने करियर के दौरान मुस्तफा ने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। प्रमुख सचिव के तौर पर, मुस्तफा ने सार्वजनिक उद्यम विभाग में कई सुधार और विकास के कदम उठाए। उन्होंने विभाग की कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए कई योजनाओं को लागू किया।

पहले भी वीआरएस ले चुके नौकरशाह
पिछले दो वर्षों में उत्तर प्रदेश से कई अन्य वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है। इनमें 1987 बैच की रेणुका कुमार, 1988 बैच की जुथिका पाटणकर और 2003 बैच के विकास गोठलवाल शामिल हैं। जुलाई 2023 में 2003 बैच के रिग्जियान सैंफिल और 2008 बैच के विद्या भूषण ने भी वीआरएस लिया था।

यह होती है वीआरएस की प्रक्रिया
नियुक्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, वीआरएस के लिए आवेदन करने के बाद स्वीकृति मिलने में 3-4 महीने का समय लगता है। इससे पहले कई विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मांगा जाता है। आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद अधिकारी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी जाती है।
 

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