संगीत नाटक अकादमी की पहल : संभागीय प्रतियोगिता के विजेताओं को हर माह मिलेगी छात्रवृत्ति, कलाकार अपनी विधा में हासिल कर पाएंगे महारत

UPT | संभागीय प्रतियोगिता के विजेताओं को हर माह मिलेगी छात्रवृत्ति।

Nov 12, 2024 16:05

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी संभागीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं को एक वर्ष तक प्रति माह तीन-तीन हजार रुपये छात्रवृत्ति देगी।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी (यूपी एसएनए) संभागीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं को एक वर्ष तक प्रति माह तीन-तीन हजार रुपये छात्रवृत्ति देगी। ये छात्रवृत्ति बाल, किशोर और युवा तीनों वर्गों के विजेताओं को प्रदान की जाएगी। अकादमी ने इसके लिए प्रस्ताव कर दिया है। इस बार के विजेताओं को ये छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।

अकादमी का वार्षिक बजट बढ़ा
अकादमी के अध्यक्ष प्रो. जयंत खोत ने बताया कि इस बार की संभागीय प्रतियोगिताओं में सुगम संगीत को भी शामिल किया गया है। इसमें गजल और भजन की प्रस्तुतियां भी कराई जा रही हैं। यह प्रतियोगिता प्रदेश के 18 मंडलों के 19 संभागों में कराई की जा रही है। छात्रवृत्ति से नवोदित कलाकारों को अपनी संबंधित विधा में बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त करने में मदद मिलेगी। अकादमी की उपाध्यक्ष विभा सिंह ने बताया कि संस्थान की गतिविधियों को देखते हुए इस बार संस्कृति विभाग ने अकादमी के बजट में बढ़ोतरी की है। अब अकादमी का वार्षिक बजट तीन करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पहले यह राशि 2.15 करोड़ रुपये थी।



अप्रैल महीने में कराया जाएगा अवध महोत्सव
अकादमी के निदेशक डा. शोभित कुमार नाहर ने बताया कि अब संभागीय और राज्य नाट्य समारोहों के बीच एक नया प्रादेशिक नाट्य समारोह आयोजित किया जाएगा। इस समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली टीम को राज्य समारोह में नाट्य मंचन का मौका मिलेगा। साथ ही दूसरे राज्यों के नाट्य दलों को भी इस समारोह में आमंत्रित किया जाएगा। इसके अलावा अकादमी को अवध महोत्सव की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। यह महोत्सव हर साल की तरह इस बार भी अप्रैल महीने में कराया जाएगा।

आठ विश्वविद्यालयों से किया जा रहा समन्वय
डा. नाहर ने बताया कि अकादमी अब संगीत और नाट्य कला के क्षेत्र में सक्रिय कलाकारों की रिकार्डिंग भी करा रही है। इसके तहत हर महीने दोनों विधाओं से कम से कम एक-एक कलाकार की रिकार्डिंग करने का प्रयास किया जा रह है। जिससे इन कलाकारों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके। डा. नाहर ने बताया कि अकादमी प्रदेश के स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए काम कर रही है। इसके लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय, राजा मानसिंह तोमर कला विश्वविद्यालय (मध्य प्रदेश) सहित आठ प्रमुख विश्वविद्यालयों से समन्वय किया जा रहा है। इस पहल से कला और संस्कृति के क्षेत्र में युवाओं को बेहतर अवसर मिलेंगे।

Also Read