KGMU : ट्रॉमा सेंटर से मरीजों को झांसा देकर निजी अस्पताल पहुंचाने का सिलसिला जारी, एक और मौत

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Dec 18, 2024 12:50

मुन्नी देवी के बेटे शिशुपाल ने आरोप लगाया कि अस्पताल ने आयुष्मान कार्ड के बावजूद इलाज करने से इनकार कर दिया और ढाई लाख रुपये की मांग की। परिजनों से ऑनलाइन 25000 रुपये जमा कराए गए। इलाज के दौरान लापरवाही के कारण उनकी मां की मौत हुई। अस्पताल ने जांच रिपोर्ट देने से भी मना कर दिया।

Lucknow News : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर से मरीजों को निजी अस्पतालों में शिफ्ट कराने का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा प्रकरण में एक मरीज फिर इसका शिकार हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई। इस बार हरदोई निवासी मुन्नी देवी (66) इस जानलेवा खेल की शिकार बनीं। 

निजी अस्पताल में भर्ती के बाद मौत
सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मुन्नी देवी को बीती 30 नवंबर को ट्रॉमा सेंटर लाया गया था। इलाज के दौरान, खुद को डॉक्टर विनोद बताने वाले शख्स ने परिजनों को झांसा दिया कि ट्रॉमा सेंटर में इलाज ठीक नहीं होगा और उन्हें आईआईएम रोड स्थित एक निजी अस्पताल में ले जाने को कहा। वहां सस्ते इलाज का झांसा दिया। इसके बाद, बिना किसी रोकटोक के ट्रॉमा सेंटर में निजी एंबुलेंस पहुंची और मुन्नी देवी को वहां से फीब्स हॉस्पिटल ले जाया गया। अस्पताल में भर्ती के कुछ दिनों बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।



परिजनों ने लगया लापरवाही और जबरन वसूली का आरोप
मुन्नी देवी के बेटे शिशुपाल ने आरोप लगाया कि अस्पताल ने आयुष्मान कार्ड के बावजूद इलाज करने से इनकार कर दिया और ढाई लाख रुपये की मांग की। परिजनों से ऑनलाइन 25,000 रुपये जमा कराए गए। इलाज के दौरान लापरवाही के कारण उनकी मां की मृत्यु हुई। अस्पताल ने जांच रिपोर्ट देने से मना कर दिया। उधर अस्पताल के मुताबिक मरीज की हालत गंभीर थी। हॉस्पिटल के डॉक्टर नरेंद्र का कहना है कि मुन्नी देवी की हालत पहले से ही नाजुक थी। रीढ़ की चोट और पैर की हड्डी टूटने के कारण ऑपरेशन संभव नहीं था। डॉक्टर ने इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही से इनकार किया।

निजी अस्पताल के खिलाफ तहरीर 
प्रकरण में परिवारवालों ने प्राइवेट अस्पताल के खिलाफ लापरवाही और वसूली का आरोप लगाते हुए मड़ियांव थाने में तहरीर दी है। इंस्पेक्टर मड़ियांव शिवानंद मिश्रा ने बताया कि शिकायत मिली है। सीएमओ को पत्र लिखा गया है। सीएमओ की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं डॉ. एपी सिंह, नोडल अफसर नर्सिंग होम का कहना है कि शिकायत मिलने पर कमेटी गठित कर जांच कराई जाएगी। लापरवाही व आयुष्मान मरीज से वसूली के साक्ष्य मिलने पर अस्पताल पर कार्रवाई होगी। 

ट्रॉमा सेंटर की आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी
ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉ. प्रेमराज का कहना है कि मरीज को निजी अस्पताल भेजने के मामले में दोषी पाए जाने वाले डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टर को संस्थान से बाहर किया जाएगा। पिछले दिनों कई जूनियर डॉक्टरों पर कार्रवाई की गई थी। 

केजीएमयू प्रशासन की लापरवाही पर सवाल
ट्रॉमा सेंटर से मरीजों को निजी अस्पताल पहुंचाने के मामले पहले भी सामने आए हैं। ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं। निजी अस्पतालों तक मरीजों की जानकारी कैसे पहुंच रही है? तीमारदारों के फोन नंबर दलालों के पास कैसे पहुंचते हैं? साफ है कि यह एक बड़ी मिलीभगत का मामला है। गोलागंज निवासी मरीज का मामला यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के केस सामने आ चुके हैं।
  • 14 नवंबर को गोलागंज के आलम को खदरा स्थित एमजे हॉस्पिटल में बेहतर इलाज का झांसा देकर शिफ्ट कराया गया। इलाज के दौरान 15 नवंबर को उनकी मौत हो गई। पत्नी ने अस्पताल पर इलाज में लापरवाही और अनावश्यक वसूली का आरोप लगाया।
  • लखीमपुर की पूनम मौर्य का मामला भी इसी तरह का है। बीती 6 नवंबर को लखीमपुर के सुरेंद्र पाल सिंह की पत्नी पूनम मौर्य को केडी अस्पताल ले जाया गया। बेहतर सर्जरी का झांसा देकर उन्हें निजी अस्पताल पहुंचाया गया। ऑपरेशन के बाद पूनम की मौत हो गई। इस मामले में केजीएमयू प्रशासन ने संविदा पर तैनात डॉक्टर की सेवाएं समाप्त कर दीं।

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