मोहसिन रजा ने यूपीसीए पर लगाए गंभीर आरोप : बोले- भ्रष्टाचार के चलते क्रिकेटर अंकित राजपूत ने लिया संन्यास

UPT | मोहसिन रजा ने यूपीसीए पर लगाए गंभीर आरोप।

Dec 18, 2024 14:47

उत्तर प्रदेश खेल कल्याण संघ के अध्यक्ष और पूर्व रणजी क्रिकेटर मोहसिन रजा ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यूपीसीए के मनमाने रवैये और भ्रष्टाचार के कारण प्रतिभावान क्रिकेटर अंकित राजपूत को मात्र 31 वर्ष की आयु में क्रिकेट से संन्यास लेने पर मजबूर होना पड़ा।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश खेल कल्याण संघ के अध्यक्ष और पूर्व रणजी क्रिकेटर मोहसिन रजा ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यूपीसीए के मनमाने रवैये और भ्रष्टाचार के कारण प्रतिभावान क्रिकेटर अंकित राजपूत को मात्र 31 वर्ष की आयु में क्रिकेट से संन्यास लेने पर मजबूर होना पड़ा।

अंकित राजपूत का शानदार क्रिकेट करियर
अध्यक्ष मोहसिन रजा ने कहा की अंकित राजपूत ने रणजी ट्रॉफी में अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से अपनी पहचान बनाई थी। उनके नाम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 240 से अधिक विकेट हैं। उन्होंने आईपीएल में भी विभिन्न टीमों के लिए खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया। बावजूद इसके, यूपीसीए की राजनीति और मनमानी ने उनके करियर को समय से पहले खत्म कर दिया।



प्रदेश के साथ देश का हुआ नुकसान
मोहसिन रजा ने आरोप लगाया कि यूपीसीए कंपनी खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर नहीं, बल्कि अपने मनमाने तरीकों से चयन करती है। उन्होंने कहा जहां 36 वर्ष की उम्र में रोहित शर्मा भारतीय टीम के कप्तान हैं और विराट कोहली शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं यूपीसीए के दबाव के कारण 31 वर्षीय अंकित राजपूत को खेल छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया। मोहसिन रजा ने इसे न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि देश के खेल जगत के लिए भी एक बड़ी क्षति बताया। उन्होंने कहा कि यह पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी कई खिलाड़ी यूपीसीए के भ्रष्टाचार के कारण अपना करियर खत्म कर चुके हैं।

न्यायालय तक ले जाएंगे मामला 
मोहसिन रजा ने इस मुद्दे को न्यायालय में ले जाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा हम यूपीसीए कंपनी के इस भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे। इसे उखाड़ फेंकने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे, ताकि भविष्य में किसी और खिलाड़ी का करियर इस तरह खत्म न हो। उन्होंने कहा अंकित राजपूत का इस्तीफा इस बात का सबूत है कि यूपीसीए में सुधार की सख्त जरूरत है। खेल जगत को साफ और निष्पक्ष माहौल देने के लिए यह लड़ाई जरूरी है।

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