महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम को दी नैतिक आध्यात्मिक दिशा : कुलपति आलोक राय बोले- सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों का किया प्रचार-प्रसार

UPT | Lucknow University

Oct 02, 2024 13:47

कुलपति ने गांधी जी के अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने के संदेश को याद करते हुए कहा, गांधी जी ने अपने जीवन में सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार किया।

Lucknow News : लखनऊ विश्वविद्यालय के टैगोर लॉन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके विचारों को याद किया।

आदर्शों पर चलकर समाज के विकास में करें योगदान 
कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने गांधी जी के अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने के संदेश को याद करते हुए कहा, गांधी जी ने अपने जीवन में सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार किया और हमें उनके आदर्शों पर चलकर देश और समाज के विकास में योगदान देना चाहिए। इस अवसर पर राजनीति विज्ञान विभाग के शिक्षक, डॉक्टर तुंगनाथ ने गांधी जी के विचारों पर प्रकाश डालते हुए कहा, गांधी जी ने सत्य, अहिंसा और स्वराज के अपने आदर्शों से भारत की स्वतंत्रता के संघर्ष को नैतिक और आध्यात्मिक दिशा दी।



एनएसएस छात्र-छात्राओं से मिले कुलपति   
समाज कार्य विभाग की डॉक्टर गरिमा सिंह और डॉक्टर अन्विता वर्मा ने गांधी जी के प्रिय भजन 'वैष्णव जन तो तेने कहिये...' का सुमधुर गायन किया, जिसने वहां उपस्थित सभी लोगों को भावविभोर कर दिया। इसके बाद राष्ट्रगान का आयोजन हुआ, जिसमें सभी शिक्षक, कर्मचारी और छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। इसके बाद कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने विश्वविद्यालय के सफाई कर्मचारियों और राष्ट्रीय सेवा योजना(एनएसएस) के छात्र-छात्राओं से मुलाकात की। उन्होंने सभी को स्वच्छता के महत्व पर जोर देते हुए कहा, गांधी जी ने स्वच्छता को केवल शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक स्तर पर भी आवश्यक माना। हम सभी को स्वच्छता के प्रति सजग रहना चाहिए और समाज में इसकी अलख जगानी चाहिए।

शास्त्री जी सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत 
इसके बाद कुलपति प्रो. राय ने लाल बहादुर छात्रावास में स्थित भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनकी 120वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने शास्त्री जी के सादगी, ईमानदारी और दृढ़ संकल्प के गुणों को याद करते हुए कहा, शास्त्री जी की जीवनशैली और उनके नेतृत्व के गुण आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनका 'जय जवान, जय किसान' का नारा आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उनके समय में था। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी और छात्र-छात्राओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। 

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