एटीएस की पड़ताल में सामने आया कि शाहनवाज और आकिब अहमद मलिक ने देवबंद के हॉस्टल नाज मंजिल में किराए पर कमरा लिया था। उन्होंने तब मकान मालिक को बताया कि वह पढ़ने के लिए यहां आए हैं। लेकिन हकीकत सामने आई तो पता चला कि दोनों पढ़ने के बजाय आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में युवकों को भर्ती करने के प्रयास में लग गए।