अम्बेडकर विश्वविद्यालय : कृषि में तकनीकी का इस्तेमाल जरूरी, विश्वनाथन बोले- बेहतर गन्ना प्रबंधन से प्रति हेक्टेयर 1.50 लाख रुपये तक मुनाफा

UPT | बीबीएयू में अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी में बोलते डॉ. रसप्पा विश्वनाथन।

Nov 26, 2024 19:10

भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (आईआईएसआर) लखनऊ के निदेशक वैज्ञानिक डॉ रसप्पा विश्वनाथन ने कहा कि गन्ना एक प्रमुख बहुवर्षीय और व्यावसायिक फसल है।

Lucknow News : भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (आईआईएसआर) लखनऊ के निदेशक वैज्ञानिक डॉ रसप्पा विश्वनाथन ने कहा कि गन्ना एक प्रमुख बहुवर्षीय और व्यावसायिक फसल है। जिसके अच्छे प्रबंधन से साल दर साल 1.50 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। वह मंगलवार को बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। विश्व रैंकिंग में शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल पादप रोग वैज्ञानिक डॉ. रसप्पा विश्वनाथन ने विषम परिस्थितियों में भी अनुकूल रहने वाली फसलों के बारे में बताया। साथ ही कृषि के क्षेत्र में तकनीकी, प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल पर जोर दिया। 

कृषि क्षेत्र में विकास की बेहद जरूरत
विभागाध्यक्ष प्रो. सनातन नायक ने कहा कि कृषि का क्षेत्र काफी हद तक अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है। इसीलिए इसमें विकास की बेहद जरूरत है। इसके अतिरिक्त उन्होंने इथेनॉल निर्माण की विशेषताओं, जलवायु परिवर्तन एवं मानवीय क्रियाकलापों से होने वाली हानियों पर विस्तृत चर्चा की। संगोष्ठी के अंतिम दिन चार सत्र हुए। इसमें देश-विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से प्रतिभागियों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। पहला सत्र  बीबीएयू के डॉ. सुरेंद्र मेहर की अध्यक्षता में 'जलवायु लचीलेपन और ग्रामीण विकास पर केस अध्ययन' विषय पर ऑनलाइन हुआ। 

प्रतिभागी हुए सम्मानित 
इसके बाद जयपुरिया इंस्टीट्यूट, नोएडा के डॉ. अमरनाथ त्रिपाठी अगुवाई में 'जलवायु वित्त, लचीली रणनीतियां और ग्रामीण विकास', तीसरा सत्र गोविन्द बल्लभ पन्त सोशल साइंस इंस्टीट्यूट, प्रयागराज की डॉ. पूजा पाल की अध्यक्षता में 'पूर्व अनुकूलन रणनीतियां और ग्रामीण विकास', चौथा और आखिरी सत्र प्रो. सनातन नायक की अध्यक्षता में 'आईसीटी का उपयोग, खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण विकास' विषय पर आयोजित किया गया। अंत में प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। 

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