डॉ. फरहा ने बताया कि खासतौर पर सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) और सांस के अन्य गंभीर रोगियों को वेंटिलेटर पर कम समय के लिए ही रखा जाता है। उन्होंने बताया कि अमेरिका में वेंटिलेटर का उपयोग बहुत सतर्कता से किया जाता है, क्योंकि कई बार इससे होने वाले नुकसान लाभ से अधिक होते हैं।