अपराधियों पर लगाम : कहां पर है ज्यादा अपराध एक क्लिक में पता कर लेगी पुलिस, बदमाशों की गतिविधियों पर होगी पैनी नजर

Uttar Pradesh Times | नए पोर्टल के बारे डीजीपी विजय कुमार ने जानकारी दी।

Jan 14, 2024 12:37

उत्तर प्रदेश में तकनीकी सेवा मुख्यालय द्वारा निर्मित क्राइम एनालिटिक्स एंड प्रिडिक्टिव पुलिसिंग पोर्टल की शुरुआत हुई। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विजय कुमार ने इसकी शुरुआत की। इस पोर्टल की सहायता से बस एक क्लिक करते ही अपराध का सारा डाटा सामने आ जाएगा।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश में तकनीकी सेवा मुख्यालय द्वारा निर्मित क्राइम एनालिटिक्स एंड प्रिडिक्टिव पुलिसिंग पोर्टल की शुरुआत हुई। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विजय कुमार ने इसकी शुरुआत की। इस पोर्टल की सहायता से बस एक क्लिक करते ही अपराध का सारा डाटा सामने आ जाएगा। इतना ही नहीं पूरे प्रदेश में सबसे अधिक अपराध कहां पर और किस थानाक्षेत्र में हो रहा है, इसकी जानकारी भी तुरंत मिल जाएगी। 

क्षेत्र और जोन वार विभिन्न अपराध डेटा उपलब्ध 
डीजीपी ने बताया कि इस पोर्टल की मदद से जिलों से लेकर मुख्यालय तक तैनात होने वाले अधिकारियों को अपने क्षेत्र के अपराध और उसके पैटर्न की जानकारी आसानी से हो सकेगी। इन हाउस विकसित इस पोर्टल पर एक क्लिक करते ही क्षेत्र और जोन वार विभिन्न अपराध डेटा उपलब्ध हो जाएगा। इसके माध्यम से यूपी के हर जिले और स्थान के अपराध के हिसाब से पुलिस ड्यूटी लगाकर उस पर लगाम कसा जा सकेगा। 

जिले को समझने में नए अधिकारी को नहीं होगी दिक्कत 
डीजीपी विजय कुमार ने बताया कि इस पोर्टल के शुरू हो जाने से नए जिले में जाने वाले अधिकारियों व थानों में तैनात थानाध्यक्षों को अपराध की घटनाओं के बारे में आसानी से जानकारी मिल जाएगी। जिससे उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि तकनीकी सेवाओं द्वारा मुख्यालय से थाने स्तर की पुलिसिंग, पर्यवेक्षण, संसाधनों के उचित प्रयोग व बिग डाटा एनालिसिस से क्राइम एनालिटिक्स एवं प्रिडिक्टिव पुलिसिंग का नया पोर्टल विकसित किया है। उन्होंने बताया कि इस एप में क्राइम क्लस्टर्स, हाटस्पॉट, गूगल मैपिंग, क्राइम पैटर्न और अपराधियों के तरीकों आदि का ब्योरा होगा। इससे जोन से थाने तक ड्रिल डाउन की सुविधा प्रदान कर सीसीटीवी व्यवस्थापन, फिक्स पिकेट, मोबाइल गश्त पार्टी, पीआरवी ड्यूटी तक को लगाया जा सकेगा। 

हर तीन महीने के बाद लिया जाएगा फीडबैक
इससे हर 3 महीने में फीडबैक के आधार पर समीक्षा और आपराधिक घटनाओं से निपटने की योजना बनाई जाएगी। साथ ही कोई भी पुलिस अधिकारी एप की मदद से पुलिस मुख्यालय, जोन, परिक्षेत्र, जनपद, सर्किल, थाने स्तर तक वर्षवार अपराध आंकड़ें भी ले सकता है। 

सिपाहियों की ड्यूटी लगाने में होगी आसानी 
डीजीपी ने बताया कि डकैती, लूट, चोरी, पॉक्सो, महिला संबंधी अपराध, गोकशी, गौतस्करी जैसे अपराधों की रोकथाम के लिए योजना बनाई गई है। जिनके आधार पर थानाध्यक्ष व प्रभारी निरीक्षक बीटवार प्लानिंग कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल की विशेषता सीसीटीएनएस के अधिकृत आंकड़ों का प्रयोग है। इस पोर्टल पर पांच साल के अंदर हुए अपराध का पूरा ब्योरा दर्ज है। डीजीपी ने बताया कि यह पोर्टल शुरू हो जाने के बाद अब अपराध कम हो रहा है कहकर पुलिस गुमराह नहीं कर पाएगी। तकनीकी विभाग द्वारा ऐसा पोर्टल तैयार किया गया है जो शायद देशभर में नहीं होगा।
 

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