Railway Paper Leak : सीबीआई को 11 ठिकानों पर रेड में मिले अहम दस्तावेज, आरोपियों पर कसेगा शिकंजा

UPT | Railway paper leak case CBI Raid

Aug 09, 2024 23:19

पेपर लीक का खुलासा होते ही एक बार फिर कई सवाल उठने लगे थे। परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी सवालों के घेरे में आ गई थी। रेलवे के लोग भी कटघरे में खड़े नजर आए। रेलवे प्रशासन ने भी अपने स्तर से कई कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की। वहीं केस दर्ज होने के बाद सीबीआई की टीम हर सुराग पर बारीकी से काम कर रही है।

Short Highlights
  • परीक्षा से एक दिन पहले गाजियाबाद में बताए गए प्रश्नों के जवाब
  • हर अभ्यर्थी से वसूली गई 4 लाख की रकम
  • सीबीआई सबूतों के आधार पर खोल रही मामले की परत दर परत
Lucknow News : रेलवे की जीडीसीई (सामान्य विभागीय प्रतियोगी परीक्षा) के पेपर लीक मामले में सीबीआई ने अपनी जांच पड़ताल तेज कर दी है। उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 11 आरोपियों के ठिकानों पर रेड के दौरान सीबीआई को कई अहम दस्तावेज मिले हैं। अब टीम के सदस्य इसकी गहराई से पड़ताल में जुट गए हैं।

अहम तथ्यों का खुलासा होने की उम्मीद
सीबीआई की टीमों को प्रदेश के नोएडा, अलीगढ़, मथुरा, चित्रकूट और प्रयागराज सहित राजस्थान के करौली, भरतपुर, सवाई माधोपुर, अलवर और राजस्थान में छापेमारी के दौरान कई अहम जानकारियां मिली हैं। इनके आधार पर आने वाले दिनों में कई गिरफ्तारी हो सकती हैं। साथ ही कई अहम तथ्यों का खुलासा होने की उम्मीद है। 

सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने दर्ज किया है मामला
सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने परीक्षा देने वाले और पेपर लीक करने वाले 11 रेल कर्मियों पर एफआईआर दर्ज की है। रेलवे की विजिलेंस जांच रिपोर्ट में पेपर ली की बात कही गई है। इसके बाद रेलवे बोर्ड के उपनिदेशक विजिलेंस अनिल कुमार मीना की शिकायत पर ये एफआईआर दर्ज की गई है। परीक्षा कराने वाली एजेंसी अपटेक लिमिटेड को भी आरोपी बनाया गया है। बताया जा रहा है कि परीक्षा से एक दिन पहले गाजियाबाद के रेलवे स्टेशन के पास एक कमरे में प्रश्न के जवाब बताए गए थे। आरोपियों ने उन्हें प्रश्नों के उत्तर अच्छी तरह याद करवा दिए थे। इसके एवज में अभ्यर्थियों से चार-चार लाख रुपए वसूले गए थे। 

6 अगस्त 2021 को आयोजित हुई थी परीक्षा
एफआईआर के अनुसार, प्रयागराज के रेलवे भर्ती बोर्ड की 6 अगस्त 2021 को आयोजित डीजीसीई परीक्षा का पेपर लीक करके 50-60 अभ्यर्थियों को पढ़वाया गया था। एफआईआर में नामजद आरोपियों में ट्रैक मेंटेनर राजस्थान के भरतपुर के भूप सिंह, वेगराज, महावीर सिंह व प्रीतम सिंह, अलवर का जितेंद्र कुमार मीना, सवाई माधोपुर का प्रमोद कुमार मीना, टोंका का हंसराज मीना, अलीगढ़ का धर्म देव, करौली का प्रशांत कुमार मीना, जयपुर में उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य अभियंता कार्यालय का कार्यालय अधीक्षक मान सिंह शामिल हैं। इसके अलावा नोएडा का पार्सल पोर्टर मोहित भाटी भी मामले में आरोपित है।

रेलवे ने लिया एक्शन
पेपर लीक का खुलासा होते ही एक बार फिर कई सवाल उठने लगे थे। परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी सवालों के घेरे में आ गई थी। रेलवे के लोग भी कटघरे में खड़े नजर आए। रेलवे प्रशासन ने भी अपने स्तर से कई कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की। वहीं केस दर्ज होने के बाद सीबीआई की टीम हर सुराग पर बारीकी से काम कर रही है। उसने कई शहरों में सबूतों के लिए खाक छानी है। 11 ठिकानों में छापेमारी के दौरान मिले सबूतों के आधार पर आरोपियों पर शिकंजा और कसेगा। 

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