Digital Arrest : अब एसजीपीजीआई के डॉक्टर की मां को बनाया शिकार, ठगे 18 लाख

UPT | एसजीपीजीआई के डॉक्टर की मां को डिजिटल अरेस्ट कर 18 लाख ठगे।

Nov 17, 2024 13:55

राजधानी लखनऊ में डॉक्टरों के साथ उनका परिवार भी साइबर जालसाजों के निशाने पर है। इस बार साइबर ठगों ने एसजीपीजीआई के डॉक्टर की मां को सात दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 18 लाख रुपये ठग लिए।

Lucknow News : राजधानी लखनऊ में डॉक्टरों के साथ उनका परिवार भी साइबर जालसाजों के निशाने पर है। इस बार साइबर ठगों ने एसजीपीजीआई के डॉक्टर की मां को सात दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 18 लाख रुपये ठग लिए। ठगी की शुरुआत एक अनजान नंबर से आने वाली कॉल से हुई। 69 वर्षीय रिटायर टीचर को इतना डराया, धमकाया कि वह ठगों के खातों में पैसे भेजती रहीं। मां की ​गतिविधियों पर डॉक्टर बेटे और बहू को शक हुआ। उन्होंने इस बारे में पूछताछ की तो डिजिटल अरेस्ट की बात सामने आई। डॉक्टर से साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

सात दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट
मूल रूप से पंचकूला हरियाणा की रहने वाली रिटायर शिक्षिका शिखा हलदर पीजीआई के पुराना कैंपस में रहती हैं। उनके बेटे और बहू एसजीपीजीआई में डॉक्टर हैं। महिला का कहना है कि पांच नवंबर को सुबह 10 बजे उनके मोबाइल पर फोन आया। कॉलर ने खुद को एसबीआई का कस्टमर एजेंट बताते हुए कहा कि आपके नाम से क्रेडिट कार्ड का फ्रॉड हुआ है। कॉल को मुंबई क्राइम ब्रांच पुलिस को ट्रांसफर कर रहे हैं। फिर फोन काट दिया। 



ऐसे हुई ठगी की शुरूआत
मूलत: पंचकूला, हरियाणा की निवासी रिटायर शिक्षिक शिखा हलदर पीजीआई के पुराने परिसर में रहती हैं। उनका बेटा और बहू एसजीपीजीआई में डॉक्टर हैं। महिला का कहना है कि पांच नवंबर को सुबह करीब 10 बजे उनके मोबाइल फोन पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को एसबीआई का कस्टमर एजेंट बताया और कहा कि उनके नाम पर क्रेडिट कार्ड से धोखाधड़ी हुई है। कॉल को मुंबई क्राइम ब्रांच पुलिस को ट्रांसफर किया जा रहा है। फिर उसने फोन काट दिया।

मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताया
इसके थोड़ी देर बाद वॉट्सएप कॉल आई। कॉलर ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताया। उनका आधार नंबर और अकाउंट डिटेल मांगा और कहा कि आपके नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है। आपके बैंक खातों की जांच होनी है।  इस दौरान आप किसी से बात नहीं कर सकती। कॉल को सीबीआई को ट्रांसफर कर रहा हूं। थोड़ी देर बाद फिर एक नए नंबर से वॉट्सएप कॉल आई। कॉलर ने मनी लॉड्रिंग के केस का आरोपी बताते हुए पूरे परिवार को जेल भेजने की धमकी दी। 

मनी लॉन्ड्रिंग में जेल भेजने की दी धमकी
कुछ समय बाद शिखा हलदर को एक वॉट्सएप कॉल आई। कॉलर ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। उनका आधार नंबर और बैंक खाते की डीटेल मांगी और कहा कि आपके नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है। उनके बैंक खातों की जांच की जाएगी। उसने यह चेतावनी भी दी कि इस दौरान वे किसी से बात नहीं कर सकतीं और कॉल सीबीआई को ट्रांसफर कर रहा है। इसके कुछ समय बाद एक और वॉट्सएप कॉल आई, जिसमें आरोपी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिखा हलदर और उनके परिवार को जेल भेजने की धमकी दी।

सात दिन में 18 लाख ठगे
साइबर ठगों ने जेल भेजने से बचाने के लिए एक बैंक अकाउंट में रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा। महिला शिक्षक ने रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करने की जानकारी न होने की बात बताई। इस पर जालसाजों ने उन्हें बैंक जाकर एकाउंट में पैसे भेजने को कहा। घबराई महिला ने बैंक जाकर जालसाजों के खाते में पांच लाख रुपये भेज दिए। इसी तरह डरा-धमकाकर सात दिनों में कुल 18 लाख रूपए हड़प लिए।

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