झांसी अग्निकांड की जांच को सरकार ने गठित की कमेटी : सात दिन में सौंपेगी रिपोर्ट, इन बिंदुओं पर करेगी पड़ताल

UPT | झांसी अग्निकांड

Nov 16, 2024 20:33

इस कमेटी में महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण (अध्यक्ष) और निदेशक (स्वास्थ्य) चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं, अपर निदेशक, विद्युत, चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं तथा महानिदेशक, अग्निशमन की ओर से नामित अधिकारी सदस्य की भूमिका में होंगे। समिति अपनी जांच पूरी कर आदेश जारी होने के सात दिनों के भीतर रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करेगी।

Lucknow News : प्रदेश में झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुए अग्निकांड की जांच के लिए सरकार ने चार सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। डीजी मेडिकल एजुकेशन की अध्यक्षता में ये कमेटी तीन अहम बिंदुओं पर जांच करेगी। ये जांच रिपोर्ट सात दिनों में शासन को सौंपनी होगी। 

कमेटी इन बिंदुओं पर करेगी जांच
आग लगने के प्राथमिक कारण: घटना के मुख्य कारणों का पता लगाना।
लापरवाही की पहचान: किसी भी प्रकार की लापरवाही या दोषी व्यक्तियों की पहचान करना।
भविष्य में बचाव के उपाय: इस प्रकार की घटनाओं से बचाव के लिए सिफारिशें देना।



इस तरह होगा कमेटी का स्वरूप
इस कमेटी में महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण (अध्यक्ष) और निदेशक (स्वास्थ्य) चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं, अपर निदेशक, विद्युत, चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं तथा महानिदेशक, अग्निशमन की ओर से नामित अधिकारी सदस्य की भूमिका में होंगे। समिति अपनी जांच पूरी कर आदेश जारी होने के सात दिनों के भीतर रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करेगी। महानिदेशक, अग्निशमन को निर्देश दिया गया है कि वे इस आदेश के अनुपालन के लिए तत्परता से समिति गठन के लिए अधिकारी को नामित करें।

शुक्रवार रात शॉट सर्किट के कारण हुआ हादसा
झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में शुक्रवार रात में बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण लगी आग में जलकर 10 बच्चों की मौत हो गई। हादसे में घायल 16 बच्चे जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। बताया जा रहा है कि जिस वार्ड में आग लगी, उसमें कुल 55 बच्चे थे। घटना को लेकर आरोप लग रहे हैं कि अस्पताल में आग बुझाने के उपकरण एक्सपायर हो गए थे और अलार्म खराब थे। इस वजह से मासूम बच्चों की जान चली गई। हालांकि मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इन आरोप से इनकार किया है।

मेडिकल कॉलेज प्रशासन का लापरवाही से इनकार, कमेटी सामने लाएगी पूरा सच
झांसी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर के मुताबिक कुल 146 अग्निशामक यंत्र लगे हुए हैं। हादसे के समय एनआईसीयू वार्ड के अग्निशामक यंत्र का भी इस्तेमाल किया गया था। इन सभी उपकरणों का समय-समय पर ऑडिट भी किया जाता है। कमियां सामने आने पर उन्हें हटा दिया जाता है। वह शासन स्तर पर गठित कमेटी मामले की तह तक पड़ताल के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके आधार पर शासन से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Also Read