Lucknow News : चारबाग जंक्शन पर पकड़ी गई 1.93 करोड़ की ड्रग्स, बिहार से लखनऊ पार्सल में भेजे गए 43 पैकेट

UPT | चारबाग जंक्शन पर पकड़ी गई 1.93 करोड़ की ड्रग्स।

Nov 16, 2024 20:51

चारबाग रेलवे जंक्शन पर रेलवे सुरक्षा बल और जीआरपी की टीम ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए अवैध ड्रग्स की खेप को पकड़ा है। यह खेप पार्सल के जरिए बिहार से लखनऊ भेजी गई थी, जिसमें कुल 43 पैकेट ड्रग्स पाए गए।

Lucknow News : चारबाग रेलवे जंक्शन पर रेलवे सुरक्षा बल और जीआरपी की टीम ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए अवैध ड्रग्स की खेप को पकड़ा है। यह खेप पार्सल के जरिए बिहार से लखनऊ भेजी गई थी, जिसमें कुल 43 पैकेट ड्रग्स पाए गए। इन ड्रग्स की बाजार कीमत लगभग 1.93 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह खेप लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस ट्रेन से भेजी गई थी और इसे पूरे उत्तर प्रदेश में खपाने की योजना थी।

संदिग्ध पार्सल को कोई नहीं पहुंचा रिसीव करने  
जीआरपी निरीक्षक मुकेश कुमार सिंह के अनुसार उन्हें मुखबिर से सूचना मिली थी कि बिहार से पांच पैकेट ऑक्सीटोसिन लाकर लखनऊ भेजे गए हैं। इसके बाद रेलवे जंक्शन पर चेकिंग शुरू की गई, और एक संदिग्ध पार्सल पकड़ा गया। यह पार्सल रिसीव करने के लिए कोई व्यक्ति नहीं आया था, जिसके बाद शक गहरा गया और जांच शुरू की गई।



फर्जी आईडी और संदेहास्पद पार्सल
यह पार्सल छपरा से लखनऊ जंक्शन के लिए भेजा गया था। लेकिन, 24 घंटे तक गोदाम में पड़ा रहा। जब आईडी चेक की गई तो पता चला कि इसे लहरपुर सीतापुर के राम लोटन नाम के व्यक्ति के नाम से भेजा गया था। जांच में यह आईडी फर्जी पाई गई। इसके बाद औषधि विभाग की टीम ने मौके पर जाकर पार्सल से दो सैंपल लेकर उन्हें लैब भेजा और बाकी खेप को सील कर सुरक्षित कर लिया।

ऑक्सीटोसिन के दुरुपयोग का खतरा
ऑक्सीटोसिन का सामान्य तौर पर पशुओं के दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। लेकिन, इसका दुरुपयोग इंसानों और जानवरों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। सरकार ने 2001 में इसके सिंगल यूनिट पैक में बेचने का आदेश दिया था, लेकिन यह खेप बिना अनुमति के भेजी जा रही थी, जो एक गंभीर अपराध है।

गिरोह के शामिल होने की संभावना
इस मामले में अधिकारियों का मानना है कि यह खेप किसी बड़े तस्करी गिरोह का हिस्सा हो सकती है, जो रेलवे पार्सल के जरिए प्रतिबंधित दवाओं की तस्करी करता है। जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश जारी है।

मामले की जांच जारी
आरपीएफ क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर मुकेश कुमार सिंह के अनुसार, इस मामले में जांच की जा रही है और संबंधित विभागों की मदद से कार्रवाई की जा रही है। कार्रवाई करने वाले अधिकारियों में एसआई प्रशांत सिंह यादव, सुनीत कुमार श्रीवास्तव, करुणेश कुमार मिश्रा और हेड कांसटेबल राजेंद्र कुमार सहित अन्य अधिकारी शामिल रहे।

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