एसजीपीजीआई का अहम शोध : टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों में एनीमिया का खतरा-आयरन की कमी

UPT | संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई)

Nov 18, 2024 12:20

चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों को नियमित रूप से आयरन के स्तर की जांच करानी चाहिए। इस रोग से प्रभावित बच्चों में पोषण संबंधी समस्याएं आम हो सकती हैं, इसलिए इनकी खान-पान की आदतों और उनके पोषण स्तर पर ध्यान देना आवश्यक है। डॉक्टरों का कहना है कि आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ और सप्लीमेंट्स बच्चों के आहार में शामिल करने चाहिए ताकि उनकी स्थिति में सुधार हो सके।

Lucknow News :  टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों को लेकर शोध में अहम जानकारी सामने आई है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के अध्ययन में पाया गया है कि इस रोग से ग्रसित बच्चों में एनीमिया के साथ ही आयरन की भी कमी पाई जा रही है। यह स्थिति स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गई है। अब तक बच्चों में इस तरह की स्वास्थ्य स्थिति पर विभाग के पास कोई आधिकारिक डाटा नहीं था, जो इस नई खोज को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।

आयरन की कमी एनीमिया का अहम कारण
आयरन की कमी एनीमिया का एक प्रमुख कारण होती है, और बच्चों में इसकी कमी से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों में आयरन की कमी का प्रभाव उनके समग्र विकास और इम्यून सिस्टम पर पड़ता है। इस कमी से बच्चों की थकान, कमजोरी और उनकी पढ़ाई-लिखाई और खेल-कूद में प्रदर्शन पर भी असर पड़ता है।

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बच्चों को उचित उपचार और देखभाल केे लिए शोध काफी अहम
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बच्चों के मामले में इस तरह की स्थिति की जानकारी पहले उपलब्ध नहीं थी। इसका अर्थ है कि स्वास्थ्य विभाग ने अब तक बच्चों में आयरन की कमी और एनीमिया की समस्या को टाइप 1 डायबिटीज के संदर्भ में गंभीरता से नहीं लिया था। अब इस समस्या पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि बच्चों को उचित उपचार और देखभाल मिल सके।

पीड़ित बच्चों को नियमित रूप से आयरन के स्तर की जांच जरूरी
चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों को नियमित रूप से आयरन के स्तर की जांच करानी चाहिए। इस रोग से प्रभावित बच्चों में पोषण संबंधी समस्याएं आम हो सकती हैं, इसलिए इनकी खान-पान की आदतों और उनके पोषण स्तर पर ध्यान देना आवश्यक है। डॉक्टरों का कहना है कि आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ और सप्लीमेंट्स बच्चों के आहार में शामिल करने चाहिए ताकि उनकी स्थिति में सुधार हो सके।

माता पिता रहें सतर्क
स्वास्थ्य विभाग और शोधकर्ताओं के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वे टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों पर विस्तृत अध्ययन करें। इसके लिए सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है, ताकि इन बच्चों की स्वास्थ्य समस्याओं का समुचित समाधान किया जा सके। साथ ही, माता-पिता को भी इस मामले में जागरूक होने और बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है।

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