Shine City Fraud: करोड़ों की जमीन 10 लाख में बेचने की ईडी करेगा जांच, पूर्व मंत्री के बेटे से जुड़े तार

UPT | shine city

Jun 26, 2024 15:11

प्रकरण में सामने आया है कि 24 सितंबर 2022 को किसी दूसरे व्यक्ति की गलत पहचान अमिताभ श्रीवास्तव के तौर पर दिखाई और 30 हजार स्क्वायर मीटर जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई।

Short Highlights
  • जमीन की खरीद फरोख्त के जरिए बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग का शक 
  • फर्जीवाड़ा करके धड़ल्ले से की जा रही रजिस्ट्री
Lucknow News: शाइन सिटी के फर्जीवाड़ा मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है, अब कई लोग इसके दायरे में आ सकते हैं। वाराणसी से लखनऊ पुलिस कस्टडी में पेशी पर आए शाइन सिटी के निदेशक अमिताभ श्रीवास्तव की जगह दूसरे की गलत पहचान कर जमीन बेचने के केस में ईडी दस्तावेज खंगालकर गहराई से पड़ताल करेगा। इस केस में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने राजधानी के मोहनलालगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है। अब ईडी ने इसे शाइन सिटी के खिलाफ चल रही जांच में शामिल करने का फैसला किया है। इसके बाद इस संपत्ति को भी अस्थायी तौर पर जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

अमिताभ श्रीवास्तव के नाम पर दूसरे व्यक्ति ने पहुंचकर की रजिस्ट्री
प्रकरण में सामने आया है कि हाईकोर्ट के आदेश पर वाराणसी और लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने जो जांच की, उसमें सामने आया कि 24 सितंबर 2022 को संपत्ति की रजिस्ट्री करने के दौरान अमिताभ श्रीवास्तव पेशी पर वाराणसी जेल से लखनऊ नहीं आया था। उसकी जगह किसी दूसरे व्यक्ति की गलत पहचान अमिताभ श्रीवास्तव के तौर पर दिखाई और 30 हजार स्क्वायर मीटर जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई। इस संपत्ति को बेचने के करीब एक सप्ताह बाद ही इसे बसपा सरकार में मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बेटे को बेच दिया गया। प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों को इस खरीद फरोख्त के जरिए बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग का शक है। इसलिए इसकी पूरी जानकारी जुटाई जाएगी। 

मोहनलालगंज पुलिस कर चुकी है एफआईआर
अहम बात है कि इस प्रकरण को लेकर हाईकोर्ट भी जांच एजेंसियों को फटकार लगा चुका है। इसके बाद विगत गुरुवार को मोहनलालगंज थाने के उपनिरीक्षक श्यामराज सिंह की तहरीर पर जमीन बेचने वाले शाइन सिटी के निदेशक अमिताभ श्रीवास्तव, खरीदार पंकज मिश्रा, गवाह विपिन यादव, ज्ञान प्रकाश अवस्थी और उपनिबंधक कार्यालय के तत्कालीन अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस के मुताबिक फर्जी तरीके से बैनामा कराया गया है, इसलिए इसकी जांच शुरू कर दी गई है। 

अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया शाइन सिटी का निदेशक 
पुलिस की तहरीर के मुताबिक अमिताभ श्रीवास्तव ने पूर्व मंत्री के बेटे को जमीन बेची है। बताया जा रहा है कि शाइन सिटी की जमीनों की खरीद फरोख्त पर पाबंदी के बावजूद रजिस्ट्रियां धड़ल्ले से की जा रही हैं। पुलिस ने शाइन सिटी के निदेशक अमिताभ श्रीवास्तव को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार कर वाराणसी जेल भेजा था। वहीं फर्जीवाड़े की बात सामने आने के बाद जांच एजेंसियां हरकत में आ गई हैं। गहराई से छानबीन की जा रही है। 

करोड़ों की जमीन की महज 10 लाख में रजिस्ट्री
खास बात है कि रजिस्ट्री में अमिताभ श्रीवास्तव ने लखनऊ में चिनहट के पंकज मिश्रा को जमीन सिर्फ दस लाख रुपये में बेचा जाना दिखाया है। रायबरेली रोड से महज दस किलोमीटर दूर इस जमीन की कीमत बाजार के मुताबिक करोड़ों में है। ऐसे में औने पौने दामों में इसकी बिक्री दिखाकर बड़े खेल को अंजाम दिया गया है। वहीं 30 अगस्त को इसी जमीन की दूसरी रजिस्ट्री महज 11 लाख रुपए में पूर्व मंत्री के बेटे के नाम की गई। सिंडिकेट बनाकर ऐसे कई कारनामे किए जाने की आशंका जताई जा रही है। अब प्रवर्तन निदेशालय की जांच में कई लोगों का नाम सामने आने की संभावना जताई जा रही है। वहीं अमिताभ श्रीवास्तव की जगह किस व्यक्ति को सामने लाकर रजिस्ट्री की गई, इसका खुलासा होना भी बाकी है। अमिताभ के खिलाफ वाराणसी के कैंट थाने में 32 मामले दर्ज हैं। 

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