Lucknow News : केन्द्र सरकार पर बरसीं सुप्रिया श्रीनेत, जीएसटी को बताया गब्बर सिंह टैक्स, कहा- जीडीपी ग्रोथ 6.4 प्रतिशत होने से खत्म होंगी नौकरियां

UPT | प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सुप्रिया श्रीनेत।

Jan 09, 2025 20:04

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। बजट सत्र से पहले सुप्रिया ने जीएसटी को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया और गब्बर सिंह टैक्स (GST) की उपाधि दी

Lucknow News : कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने केंद्र सरकार पर देश की जनता पर भारी टैक्स लगाने का आरोप लगाया और जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताया। उन्होंने आगामी बजट में आम लोगों को राहत देने और आवश्यक घरेलू वस्तुओं व हेल्थ बीमा से जीएसटी को हटाने की मांग की। सुप्रिया श्रीनेत ने बृहस्पतिवार को लखनऊ में कांग्रेस मुख्यालय पर पत्रकारों से के प्रदेश बातचीत में कहा कि कुछ ही दिनों में केन्द्र सरकार अपना बजट पेश करने वाली है। यह बजट देश का भविष्य तय करेगा। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी या नौकरियां बनेंगी, क्या निवेश होगा, महंगाई की मार कम होगी। सबसे अहम सवाल क्या आम आदमी से जो जबरन टैक्स वसूला जा रहा है उसमें कुछ राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि आजाद हिन्दुस्तान में पहली बार इस सरकार में इनकम टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स से कहीं ज्यादा है। मतलब बड़े बड़े पूंजीपति आज आप से कम टैक्स दे रहे हैं।

जीएसटी को बताया गब्बर सिंह टैक्स
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मोदी सरकार ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताते हुए कहा कि आटा, दही, दवाई, पढ़ाई और यहां तक कि पॉपकॉर्न और पुरानी गाड़ी बेचने पर भी जमकर जबरन जीएसटी वसूला जा रहा है। मोदी सरकार हर महीने जीएसटी कलेक्शन करके खुशियां मनाती है। वो ये भी नहीं समझते कि जीएसटी एक उपभोग कर है। गरीब अपनी अधिकांश आय का उपभोग करते हैं, जबकि अमीर अपनी आय का बड़ा हिस्सा बचाते हैं। इसीलिए जीएसटी की मार गरीबों पर ज्यादा पड़ती है। औसतन कलेक्शन का 64 फीसदी हिस्सा देश की 50 प्रतिशत आर्थिक रूप से निचली आधी आबादी से आता है। जीएसटी का केवल तीन फीसदी शीर्ष 10 प्रतिशत से आता है। स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी 18 प्रतिशत है।



नौकरियों के फॉर्म पर भी लग रहा टैक्स
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आज नौकरियों के फार्म फीस पर भी 18 प्रतिशत जीएसटी लिया जा रहा है। मोदी सरकार गरीबों से टैक्स वसूली का जश्न मनाती है। पर जब अमीरों की बात आती है, तो कॉर्पोरेट टैक्स घटा कर पूंजीपतियों का 4.5 लाख करोड़ का लाभ पहुंचाती है। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जीएसटी की गुत्थी तो मानवजाति के लिए सुलझाना असंभव है। आप भी सोचिए एक पॉपकॉर्न पर तीन दरें 5, 12 और 18 प्रतिशत लगाने का क्या मतलब है।

कांग्रेस पार्टी दो जीएसटी रेट की पैरोकार
कांग्रेस पार्टी एक या ज से ज्यादा दो जीएसटी रेट की पैरोकार है। यहां तो अलग-अलग चीजों के लिए प्रतिशत, 0.25 फीसदी, 1.5 प्रतिशत, 3 प्रतिशत, 7.5 प्रतिशत और 28 प्रतिशत को शामिल करें तो वर्तमान में कुल नौ जीएसटी जीएसटी दरें हैं। उसके ऊपर से अगर सरचार्ज और cess देखें तो जीएसटी कई लेयर में वसूला जा रहा है। इतनी सारी दरों ने ना सिर्फ़ उपभोक्ताओं को भ्रमित किया है बल्कि छोटे व्यवसायों के लिए काम करना मुश्किल कर दिया है। उन्होंने जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) के आंकडों का हवाला देते हुए कहा कि 2023-24 में दो लाख करोड रुपये की जीएसटी चोरी हुई। इनपुट टैक्स क्रेडिट में 35,132 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। 18 हजार फर्जी संस्थाओं का खुलासा हुआ।

नौकरियां खत्म होने का अंदेशा
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सरकार के खुद के आंकड़ें ही बता रहे हैं कि इस साल जीडीपी ग्रोथ मात्र 6.4 प्रतिशत होने वाली है। यह ना सिर्फ चार साल में सबसे कम है, बल्कि कोरोना महामारी के बाद की सबसे निचली ग्रोथ रेट है। इसका मतलब है नौकरियां खत्म होंगीं। निवेश और उपभोग कम होगा और उस पर महंगाई और टैक्स की मार से जीना दूभर है।

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