यूपी के 68 जिलों के 728 चकबंदी लेखपालों को प्रमोशन का तोहफा : बनाए गए कानूनगो, 8 साल से था इंतजार

UPT | CM Yogi Adityanath

Oct 09, 2024 15:21

कई वर्षों से पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे 68 जिलों के 728 चकबंदी लेखपालों को चकबंदीकर्ता (कानूनगो) के पद पर पदोन्नत किया गया है।

Lucknow News : सरकार ने दीपावली से पहले प्रदेश के चकबंदी लेखपालों को बड़ी सौगात दी है। कई वर्षों से पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे 68 जिलों के 728 चकबंदी लेखपालों को चकबंदीकर्ता (कानूनगो) के पद पर पदोन्नत किया गया है। यह फैसला उन अधिकारियों के करियर में जरुरी मोड़ साबित होगा, जो लंबे समय से पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे थे। इस कदम से न केवल उनके कार्यक्षेत्र में नई संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त होगा, बल्कि प्रदेश के किसानों से जुड़े भूमि विवादों के समाधान में भी तेजी आएगी।

भूमि विवादों का त्वरित समाधान
सरकार का उठाया गया यह कदम न सिर्फ प्रदेश के राजस्व प्रशासन में सुधार के लिए है, बल्कि यह प्रदेश के कृषि विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा। भूमि विवादों का त्वरित समाधान कृषि उत्पादन को सीधे प्रभावित करता है। इससे किसानों को उनकी भूमि के पुनर्गठन (चकबंदी) से जुड़े विवादों में राहत मिलेगी, जिससे उनके खेतों का बेहतर उपयोग हो सकेगा।



वर्षों से खाली पदों को भरा गया
चकबंदी आयुक्त भानु चन्द्र गोस्वामी ने बताया की, प्रदेश के विभिन्न जिलों में 2016 से कानूनगो के कई पद रिक्त चल रहे थे। इन पदों के खाली होने से भूमि सुधार और पुनर्संयोजन की प्रक्रिया में रुकावटें पैदा हो रही थीं। इसका सीधा प्रभाव किसानों पर पड़ रहा था, क्योंकि उनके भूमि विवादों के निपटारे में देरी हो रही थी। सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लिया और रिक्त पदों को भरने के लिए निर्देश पर विभागीय पदोन्नति समिति का गठन किया गया, जिसने 728 योग्य चकबंदी लेखपालों को कानूनगो के पद पर पदोन्नत किया है।

इस जिलों में सबसे ज्यादा पदोन्नति
चकबंदी आयुक्त ने बताया की इस पदोन्नति प्रक्रिया के अंतर्गत बरेली जिले में सबसे अधिक 60 चकबंदी लेखपालों को कानूनगो के पद पर प्रोमोशन मिला है। इसके साथ कन्नौज में 41, मुरादाबाद में 35, गोरखपुर में 32 और ललितपुर में 25 लेखपालों को पदोन्नति दी गई है। इन जिलों में कानूनगो की रिक्तियों को भरने से चकबंदी प्रक्रिया में तेजी आएगी, जिससे भूमि पुनर्संयोजन का कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़ सकेगा।

कृषि भूमि सुधार प्रक्रिया को गति
चकबंदीकर्ता के पदों पर नए अधिकारियों की नियुक्ति से भूमि सुधार और चकबंदी की प्रक्रिया को गति मिलेगी। चकबंदी प्रक्रिया के तहत किसानों की भूमि को पुनर्गठित कर उन्हें एकत्रित किया जाता है, जिससे उनके खेतों को बेहतर तरीके से उपयोग में लाया जा सके। भूमि का सही पुनर्संयोजन होने से किसानों की उत्पादकता में सुधार होगा और प्रदेश के कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।

किसानों को होगा सीधा लाभ
इस पदोन्नति से किसानों को सीधा लाभ होगा क्योंकि इससे उनके भूमि से जुड़े विवादों का निपटारा तेजी से होगा। किसानों को अब भूमि विवादों के समाधान के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही, प्रदेश के राजस्व प्रशासन में सुधार होने से भूमि विवादों के निपटारे की प्रक्रिया भी और सुचारू हो जाएगी।

प्रदेश के कृषि क्षेत्र को नई दिशा
सरकार का यह निर्णय प्रदेश के कृषि क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे किसानों के जीवन में सुधार होगा, उनकी उत्पादकता बढ़ेगी, और प्रदेश के राजस्व और कृषि दोनों क्षेत्रों में एक सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। भूमि सुधार की दिशा में यह फैसला प्रदेश के समग्र विकास को बढ़ावा देगा, जिससे राज्य के ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों में समृद्धि आएगी।

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