बेसिक शिक्षा मंत्री ने परिषदीय विद्यालय कर्मचारियों की समस्याओं का लिया संज्ञान : सीएम योगी के समक्ष मांग रखने का दिया आश्वासन

UPT | बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह

Oct 08, 2024 22:08

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों, अंशकालिक अनुदेशकों और रसोइयों की विभिन्न मांगों और समस्याओं को लेकर मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया।

Lucknow News : यूपी के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों, अंशकालिक अनुदेशकों और रसोइयों की विभिन्न मांगों और समस्याओं को लेकर मंगलवार को बैठक का आयोजन किया गया। विधानसभा में स्थित राज्य मंत्री, बेसिक शिक्षा विभाग (स्वतंत्र प्रभार) के कार्यालय में संपन्न हुई, जिसमें विभाग के कई उच्च पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
  
मध्याह्न भोजन-कर्मचारियों की समस्याएं
इस दौरान मुख्य रूप से छात्रों के मध्याह्न भोजन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान करना है, बल्कि उनकी शिक्षा को भी प्रभावित करने वाली विभिन्न समस्याओं का समाधान करना है। इसके अतिरिक्त, शिक्षामित्रों, रसोइयों और अंशकालिक अनुदेशकों के मानदेय, उनकी उपस्थिति, कार्य के घंटे और अन्य समस्याओं पर भी विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में यह भी बताया गया कि शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए इन कर्मचारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके योगदान से ही बच्चों की शिक्षा में सुधार संभव है। बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि उन्हें कर्मचारियों की समस्याओं का संज्ञान है और इसे प्राथमिकता दी जाएगी।



समस्याओं का शीघ्र समाधान
मंत्री संदीप सिंह ने स्पष्ट किया कि सरकार संगठनों के सुझावों को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और रसोइयों की समस्याओं का समाधान शीघ्र ही किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि मानदेय बढ़ाने के विषय को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखा जाएगा ताकि शिक्षकों को उचित पारिश्रमिक मिल सके। संदीप सिंह ने यह भी कहा कि शिक्षामित्रों और अन्य कर्मचारियों का काम शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और उनके द्वारा किए गए प्रयासों को सराहना मिलनी चाहिए।

संगठनों के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी
बैठक में शिक्षामित्रों, अंशकालिक अनुदेशकों और रसोइयों के पंजीकृत संगठनों के राज्य स्तरीय अध्यक्ष, महामंत्री और अन्य प्रतिनिधि भी मौजूद थे। इन प्रतिनिधियों ने अपनी समस्याएं और विचार सरकार के सामने रखे। उन्होंने शिक्षामित्रों के मानदेय में वृद्धि, कार्य के घंटों की स्पष्टता और अन्य अधिकारों की मांग की। सदस्यों ने बताया कि यदि इन मुद्दों का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो इससे शिक्षा व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने अपील की है कि वे उनकी समस्याओं को प्राथमिकता दें और उनके सुझावों पर गंभीरता से विचार करें।

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