यूपी विधानमंडल सत्र : सपा विधायकों ने महिला अपराध पर सरकार को घेरा, सुरेश खन्ना बोले- क्राइम में गिरावट, सजा दिलाने में अव्वल

UPT | विधानसभा में मंगलवार को सपा विधायकों ने उठाया महिला अपराध का मामला

Dec 17, 2024 13:30

सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि पूरे प्रदेश में महिलाओं के साथ हिंसक घटनाएं घटनाएं बढ़ रही हैं। दुष्कर्म से लेकर शीलभंग के मामलों में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो आंकड़ें पेश किए हैं, उनको जोड़ा जाए तो पिछले साल साल में महिलाओं के 168808 अपहरण के मामले सामने आए हैं। इनमें एक में भी किसी आरोपी को सजा नहीं हुई है।

Lucknow News : यूपी विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को विपक्ष ने महिला हिंसा और उत्पीड़न के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की। समाजवादी पार्टी के रविदास मेहरोत्रा, संग्राम सिंह ने यूपी में बढ़ते अपराध का हवाला देते हुए सरकार को घेरा। संग्राम सिंह ने एनसीआरबी के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि यूपी में अपराधों का ग्राफ बढ़ा है। एनसीआरबी और सरकार के आंकड़ों में काफी हेर फेर हैं। इसके जवाब में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने वर्षवार आंकड़ों के जरिए दावा किया कि यूपी में हर प्रकार के महिला अपराध में गिरावट दर्ज की गई है। साथ ही अपराधियों को सजा दिलाने में भी प्रदेश सरकार सबसे ज्यादा सफल हुई है।

रविदास मेहरोत्रा ने सात साल में डेढ़ लाख से ज्यादा महिलाओं के अपहरण का किया दावा
सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि पूरे प्रदेश में महिलाओं के साथ हिंसक घटनाएं घटनाएं बढ़ रही हैं। दुष्कर्म से लेकर शीलभंग के मामलों में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो आंकड़ें पेश किए हैं, उनको जोड़ा जाए तो पिछले साल साल में महिलाओं के 168808 अपहरण के मामले सामने आए हैं। इनमें एक में भी किसी आरोपी को सजा नहीं हुई है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इन आंकड़ों पर सवाल उठाए। जवाब में विधायक ने कहा कि वह सरकार के दिए आंकड़ों को जोड़कर ही बता रहे हैं। 



20 हजार दुष्कर्म के मामले और शीलभंग की 1.50 लाख घटनाएं
इसके अनुसार, शीलभंग होने की लगभग 1.50 लाख घटनाएं सामने आई हैं और लगभग 20000 हजार महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ है। वहीं दहेज को लेकर मौतों की संख्या लगभग 18000 हैं। उन्होंने कहा कि ये बहुत शर्म की बात है कि हमारी बहन बेटियां आज सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने वूमेन पावर लाइन 1090 पर भी सवाल उठाए और कहा कि अब इसके नाम पर लखनऊ में केवल चौराहा रह गया है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि शिकायत ऑनलाइन दर्ज की जाती है, चौराहे पर नहीं। इस पर संग्राम सिंह यादव ने अनुपूरक प्रश्न में कहा कि महिला अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश एनसीआरबी के आंकड़ों पर नजर डालें तो हर तरह से यूपी में वारदातों में इजाफा हुआ है। इसी पर विधायक अखिलेश ने अनुपूरक प्रश्न के जरिए सरकार को घेरा। 

दहेज मृत्यु के मामलों में गिरावट
सदस्यों के जवाब में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि हर तरह के अपराधों में गिरावट दर्ज की गई है। दहेज मृत्यु का मामला उठाया गया है, उसमें लगातार कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2017 में 2524 मामले सामने आए थे और 1 जनवरी 2024 से लेकर 31 अक्टूबर तक इस पर 1418 केस दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि इसी तरह वर्ष 2023 में दहेज मृत्यु की 2061 घटनाएं दर्ज की गईं। उन्होंने कहा दुष्कर्म के मामलों की संख्या 1718 रही। वर्ष 2023 से इस वर्ष की बात करें तो 4246 से हम 2614 पर पहुंच गए। इसी तरह शीलभंग में भी कमी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि जहां तक कि अपराधियों को सजा दिलाने की बात है, तो इस सरकार ने जितनी तेजी से प्रॉसिक्यूशन को मजबूत करते हुए कन्विक्शन कराया है, अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार के इतिहास में किसी की सरकार ने नहीं किया।

अपराधों पर सजा दिलाने में योगी सरकार अव्वल
सुरेश खन्ना ने कहा कि अगर पॉक्सो एक्ट की बात की जाए तो 2017 में 415 लोगों को सजा हुई। वहीं 2018 में 631 लोगों को सजा हुई। वर्ष 2019 में 665 और 2020 में 535 और 2021 में 1230, 2022 में 2313 और 2023 में 2841 और अभी इस वर्ष 1 जनवरी से 15 दिसंबर तक 2440 लोगों को सजा दिलाने में सफलता हासिल की गई। उन्होंने ​कहा कि हत्या के मामलों की बात करें तो इसका आंकड़ा 11 दिसंबर 2024 तक का उपलब्ध है। इसमें स्पेशल अभियान चलाया गया था। इसमें 1 जुलाई 2023 से लेकर 11 दिसंबर 2024 तक 48 मृत्युदंड 48 दिए गए। इसी अवधि में 6065 मामलों में आजीवन कारावास, 1046 मामलों में 20 वर्ष और उससे अधिक सजा, 73 मामलों में 15 से 19 वर्ष की सजा, 3610 मामलों में 10 से 14 वर्ष की सजा, 5564 मामलों में 5 से 9 वर्ष की सजा और 22298 मामलों में पांच वर्ष से कम की सजा दिलाने में सफलता मिली।

दुष्कर्म के मामले में पूरे देश में यूपी का 24वां स्थान
सुरेश खन्ना ने कहा कि जब से भारतीय न्याय संहिता आई, इसमें 1 जुलाई से लेकर 12 दिसंबर तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो 29 लोगों को सजा हुई है। सुरेश खन्ना ने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि अभी तक वर्ष 2022 तक की रिपोर्ट उपलब्ध है, उसके मुताबिक हर क्षेत्र में महिलाओं से संबंधित अपराध में गिरावट दर्ज की गई है। दुष्कर्म के मामले में पूरे देश में यूपी का 24वां स्थान है। इस तरह देश के 23 राज्य यूपी से आगे हैं। इनमें छत्तीसगढ़ सबसे ऊपर है। सुरेश खन्ना ने कहा कि 354 के मामले में यूपी का 17वां स्थान है। इसके अतिरिक्त हत्या के मामलों पर नजर डालें तो 1 जनवरी 2024 से लेकर 30 नवंबर 2024 तक 245 मामले दर्ज किए गए। वहीं 2022 में 175, 2023 में 141 और 2024 में अभी तक 126 मामले दर्ज किए गए। इसमें 48.57 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इसी तरह महिलाओं के विरुद्ध दहेज मृत्यु में 16.68 प्रतिशत की कमी आई है। दुष्कर्म में 25.34 प्रतिशत, शीलभंग में 14.31 फीसदी की कमी आई है। 

आईपीसी के क्राइम में यूपी से 19 राज्य ऊपर
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के क्राइम में उत्तर प्रदेश से 19 राज्य ऊपर हैं। यूपी का 20वां स्थान है। इस दौरन  सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा में पुलिस कस्टडी में मौतों का जिक्र किया। इस पर सुरेश खन्ना ने कहा इसे मूल प्रश्न में नहीं पूछा गया था। इस जवाब उपलब्ध करा दिया जाएगा। 

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