नियामक आयोग ने निर्देश दिया है कि बिल्डरों को उपभोक्ताओं को उनके बिल की जानकारी ईमेल, व्हाट्सएप, या अन्य इलेक्ट्रॉनिक मोड से भेजनी होगी। अगर बिल्डर या फ्रेंचाइजी ऐसा नहीं करते हैं, तो पहली गलती पर पांच हजार रुपये का जुर्माना, दूसरी गलती पर एक हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना, और तीसरी गलती पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगेगा।