सामूहिक विवाह योजना : यूपी के दलित-पिछड़े वर्गों के 3.5 लाख से अधिक गरीब परिवारों को लाभ, बेटियों को मिला नया जीवन

UPT |  मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना।

Dec 11, 2024 17:54

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना ने प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर तबके, खासकर पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के परिवारों के लिए बड़े बदलाव किए हैं। 2017 में शुरू हुई यह योजना अब इन वर्गों की बेटियों के लिए वरदान साबित हो रही है।

Lucknow News : मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना ने प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर तबके, खासकर पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के परिवारों के लिए बड़े बदलाव किए हैं। 2017 में शुरू हुई यह योजना अब इन वर्गों की बेटियों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत अब तक 4 लाख से ज्यादा गरीब कन्याओं की शादी पूरी रीति-रिवाज और सम्मान के साथ कराई जा चुकी है, जो सामाजिक समरसता और समावेशिता को मजबूत करने में मदद कर रही है। यह योजना उन राजनीतिक दलों को कठघरे में खड़ा करती है, जो पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग की राजनीति के सहारे सत्ता में रहे, लेकिन ठोस विकास कार्य करने में असफल रहे। इस योजना ने यह साबित किया कि केवल वादों से नहीं, बल्कि ठोस कदमों से ही समाज का सशक्तिकरण संभव है।



आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए बड़े लाभ
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना ने अब तक दलित वर्ग के 2.20 लाख से अधिक परिवारों की बेटियों की शादी कराई है। वहीं, पिछड़े वर्ग के 1.30 लाख परिवार और अल्पसंख्यक वर्ग के 40,000 से अधिक परिवारों ने इस योजना का लाभ लिया है। सामान्य वर्ग के भी करीब 16,000 गरीब परिवारों ने सामूहिक विवाह योजना से सहायता प्राप्त की है।

वधू के खाते में नकद धनराशि
इस योजना के तहत हर विवाह में 51,000 रुपये की सहायता दी जाती है, जिसमें शादी से संबंधित सामग्री, वधू के खाते में नकद धनराशि और आयोजन की व्यवस्था शामिल होती है। यह योजना न केवल बेटियों की शादी का सपना पूरा कर रही है, बल्कि उन्हें सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान कर रही है।

समाज में समरसता और भाईचारे का संदेश
प्रदेश सरकार की यह योजना जाति और धर्म की सीमाओं को पार करते हुए सभी को समान अवसर प्रदान करती है। विवाह समारोह में धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है, चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, सिख या ईसाई समुदाय से हो। यह पहल सामाजिक समरसता और भाईचारे का संदेश देती है। सरकार ने अपने साढ़े सात वर्षों के कार्यकाल में यह दिखाया है कि उनका प्राथमिक उद्देश्य वंचित वर्गों को सशक्त बनाना है। इस योजना के माध्यम से वे यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रदेश के सभी वर्ग, विशेषकर पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग मुख्यधारा से जुड़ें और उनके विकास के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। अब तक इस योजना के लिए करीब 2,200 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

विपक्षी दलों के लिए एक चुनौती
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना ने उन विपक्षी दलों को सवालों के घेरे में खड़ा किया है जो पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के नाम पर राजनीति करते रहे हैं। योगी सरकार ने इन वर्गों के विकास के लिए ठोस कदम उठाए हैं, जबकि विपक्ष केवल वादों तक सीमित रहा है। इस योजना ने गरीब परिवारों को राहत दी और उनकी बेटियों के लिए एक बेहतर भविष्य की राह खोली है। सरकार की यह पहल समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बनी है। यह योजना उन परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है जो अपनी बेटियों की शादी के लिए आर्थिक संकट का सामना करते थे।

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