UPPCL Privatisation : देशभर में 27 लाख कर्मी सड़कों पर उतरने को तैयार, 22 को लखनऊ और 25 दिसंबर को चंडीगढ़ में पंचायत

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Dec 11, 2024 17:09

एनसीसीओईईई ने कहा कि भारत सरकार ने सितंबर 2020 में स्टैंडर्ड बिल्डिंग डॉक्यूमेंट का ड्राफ्ट जारी किया  था, जिसे अभी फाइनल नहीं किया गया है। इसलिए बिना स्टैंडर्ड बिल्डिंग डॉक्यूमेंट के किस आधार पर पावर कारपोरेशन बिजली का निजीकरण कर रहा है, इसे सार्वजनिक किया जाए।

Lucknow News : ​उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PuVVNL) के निजीकरण के फैसले के विरोध में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषण की है। राजधानी में बुधवार को संगठन की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में इस पर निर्णय किया गया। इसके तहत 13 और 19 दिसंबर को निजीकरण के विरोध में देश भर में विरोध सभाएं आयोजित की जाएंगी। वहीं 22 दिसंबर को लखनऊ और 25 दिसंबर को चंडीगढ़ में निजीकरण के विरोध में विशाल बिजली पंचायत का एलान किया गया है।

एकतरफा प्रक्रिया का राष्ट्रव्यापी विरोध
एनसीसीओईईई की बैठक में इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष सुभाष लाग्बा ने बताया कि यदि उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण की कोई भी एकतरफा प्रक्रिया शुरू की गई तो उसी दिन बिना और कोई नोटिस दिये देश के तमाम 27 लाख बिजली कर्मी सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होंगे और देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किये जायेंगे। यह भी निर्णय किया गया कि चंडीगढ़ की विद्युत व्यवस्था जिस दिन निजी कंपनी को हैंडओवर करने का काम किया गया तो उसी दिन भी इसी प्रकार का राष्ट्रव्यापी विरोध दर्ज कराया जाएगा।



13 दिसंबर को देश भर में बिजली कर्मी मनाएंगे निजीकरण विरोधी दिवस 
इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि 13 दिसंबर को देश भर में बिजली कर्मी निजीकरण विरोधी दिवस के रूप में मनायेंगे। 19 दिसंबर  को काकोरी क्रांति के महानायक पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस पर 'शहीदों के सपनों का भारत बचाओ निजीकरण हटाओ' दिवस मनाया जाएगा। इस दिन पूरे देश में जनपद एवं परियोजना मुख्यालयों पर सभाएं की जाएंगी। लखनऊ में 22 दिसंबर को विशाल बिजली पंचायत एवं चंडीगढ़ में 25 दिसंबर को विशाल बिजली पंचायत आयोजित की जायेंगी, जिसमें बिजली कर्मियों के साथ बड़ी संख्या में किसान और आम उपभोक्ता सम्मिलित होंगे। इस दौरान सभी को बिजली के निजीकरण से उपभोक्ताओं और कर्मचारियों को होने वाले भारी नुकसान से अवगत कराया जाएगा।

यूपीपीसीएल ने किया समझौते का उल्लघंन, अपने वादे से पलटने का आरोप
एनसीसीओईईई ने यूपीपीसीएल की विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के साथ हुए समझौतों का उल्लंघन करते हुए निजीकरण की एकतरफा प्रकिया की कड़ी निंदा की। शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि हमारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग है कि वे प्रभावी हस्तक्षेप करें, जिससे यूपीपीसीएल के अनावश्यक रूप से ऊर्जा क्षेत्र में उत्पन्न की गयी औद्योगिक अशांति के वातावरण को समाप्त किया जा सके। दरअसल 5 अप्रैल 2018 को तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और 6 अक्टूबर 2020 को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना व तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा के साथ लिखित समझौते में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण निगमों में वर्तमान व्यवस्था में ही कर्मचारियों को विश्वास में लेकर सुधार किया जाएगा और ऊर्जा क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निजीकरण कर्मचारियों को विश्वास में लिये बगैर नहीं किया जाएगा।

बिना स्टैंडर्ड बिल्डिंग डॉक्यूमेंट के निजीकरण पर उठाया सवाल 
एनसीसीओईईई ने कहा कि भारत सरकार ने सितंबर 2020 में स्टैंडर्ड बिल्डिंग डॉक्यूमेंट का ड्राफ्ट जारी किया  था, जिसे अभी फाइनल नहीं किया गया है। इसलिए बिना स्टैंडर्ड बिल्डिंग डॉक्यूमेंट के किस आधार पर पावर कारपोरेशन बिजली का निजीकरण कर रहा है, इसे सार्वजनिक किया जाए। जानकारी के अनुसार विद्युत वितरण निगमों की रिजर्व प्राइज बेहद कम लगभग 1000 से 1500 करोड़ रखी गई है। जबकि विद्युत वितरण निगमों में अरबों-खरबों की परिसम्पत्तियों का आज तक कोई मूल्यांकन नहीं किया गया है। इससे साफ है कि निजीकरण की आड़ में बिजली कंपनियों की बेशकीमती परिसंपत्तियां कौड़ियों के मोल बेचने की साजिश हो रही है। एनसीसीओईईई ने यह कहा कि यदि यूपी और चंडीगढ़ में परिसम्पत्तियों का सीएजी से ऑडिट कर मूल्यांकन किये बगैर निजीकरण की प्रक्रिया की गयी तो एनसीसीओईईई जनता के बीच जायेगी और परिसम्पत्तियों की लूट के विरोध में सभी लोकतांत्रिक कदम उठाएगी और कानूनी रूप से भी अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाने से पीछे नहीं हटेगी। 

राजस्थान की लड़ाई को भी बिजलीकर्मी एकजुट
इसके साथ ही एनसीसीओईईई ने राजस्थान में विद्युत वितरण के एकतरफा निजीकरण और राजस्थान के उत्पादन निगम को ज्वांइन्ट वेंचर के नाम पर एनटीपीसी और कोल इंडिया लिमिटेड को बेचने की कड़ी निंदा की और फैसला वापस लेने की मांग की।

बैठक में विभिन्न संगठनों के लोगों की रही भागीदारी 
एनसीसीओईईई की बैठक में इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष सुभाष लाग्बा, ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे, सेक्रेटरी जनरल पी रत्नाकर राय, ऑल इंडिया पॉवर डिप्लोमा इंजीनियर्स के अध्यक्ष आर के त्रिवेदी, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉईज के जनरल सेक्रेटरी मोहन शर्मा ने अपनी बात रखी। बैठक में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्न के राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, सुहैल आबिद, पी.के. दीक्षित, राजेंद्र घिल्डियाल, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेन्द्र पांडेय, आर बी सिंह, राम कृपाल यादव, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, राम चरण सिंह, मो. इलियास, चन्द, सरयू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, के.एस. रावत, रफीक अहमद, पीएस बाजपेई, जीपी सिंह, राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय और विशंभर सिंह आदि उपस्थित रहे।

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