यूपी में एक अक्टूबर से होगी धान खरीद : 70 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य, 48 घंटे में होगा ऑनलाइन भुगतान-जानें MSP

UPT | CM Yogi Adityanath

Sep 30, 2024 12:43

नई नीति के अनुसार जिन किसानों की उपज 60 क्विंटल या उससे कम है, उनसे प्राथमिकता के आधार पर धान की खरीद की जाएगी। यह कदम सरकार द्वारा किसानों को समर्थन देने और उन्हें आर्थिक मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए धान खरीद की प्रक्रिया एक अक्टूबर से शुरू होने जा रही है। इस बार की धान क्रय नीति में छोटे और मध्यम किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। नीति के अनुसार जिन किसानों की उपज 60 क्विंटल या उससे कम है, उनसे प्राथमिकता के आधार पर धान की खरीद की जाएगी। यह कदम सरकार द्वारा किसानों को समर्थन देने और उन्हें आर्थिक मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

धान क्रय नीति का नया शासनादेश जारी
खाद्य एवं रसद विभाग ने नई धान क्रय नीति के संबंध में शासनादेश जारी किया है। इस नीति के तहत छोटे और मध्यम किसानों की उपज की खरीद को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि उन्हें उनके धान का उचित मूल्य मिल सके। नीति के मुताबिक सामान्य धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को पिछले साल के मुकाबले 117 रुपये बढ़ाकर 2300 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है, जबकि ग्रेड-ए धान का समर्थन मूल्य 2320 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इससे किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।



धान खरीद के लिए विशेष व्यवस्था
चालू वित्तीय वर्ष के दौरान राज्य सरकार ने 70 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य तय किया है, जिसे चार हजार  क्रय केंद्रों के माध्यम से पूरा किया जाएगा। हालांकि, खाद्य एवं रसद आयुक्त के निर्देशों के अनुसार स्थिति को देखते हुए केंद्रों की संख्या और खरीद लक्ष्य को घटाया या बढ़ाया जा सकता है। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसान बिना किसी परेशानी के अपनी उपज बेच सकें और उन्हें सही मूल्य मिले। धान की खरीद एक अक्टूबर से शुरू होगी और इस प्रक्रिया के तहत छोटे किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि उनकी मेहनत का समुचित फल मिल सके।

किसानों के लिए लाभकारी कदम
सरकार का यह कदम छोटे और मध्यम किसानों के लिए राहतभरा है, क्योंकि उनके लिए धान की बिक्री का यह एक सुनहरा अवसर है। इससे उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस धान क्रय नीति में सभी आवश्यक प्रावधान किए गए हैं। इस नीति के लागू होने से राज्य के लाखों किसानों को फायदा होगा, और वे अपनी फसल को बेचकर बेहतर आय प्राप्त कर सकेंगे।

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