यूपी में पीएम पोषण योजना के तहत 80 प्रतिशत राशि हुई खर्च : सरकारी स्कूल के बच्चों को मिल रहा पौष्टिक आहार

UPT | CM Yogi Adityanath

Oct 15, 2024 16:25

सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को मध्याह्न भोजन प्रदान करने के लिए संचालित प्रधानमंत्री पोषण योजना (PM POSHAN) के तहत प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक कुल उपलब्ध राशि का 80 प्रतिशत उपयोग करने में सफलता प्राप्त की है।

Lucknow News : प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को मध्याह्न भोजन प्रदान करने के लिए संचालित प्रधानमंत्री पोषण योजना (पीएम पोषण) के तहत प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक कुल उपलब्ध राशि का 80 प्रतिशत उपयोग करने में सफलता प्राप्त की है। सरकार ने सभी जनपदों को आवश्यक धनराशि का आवंटन तेजी से किया है और इस योजना के उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए कई जरुरी कदम भी उठाए हैं।

उपलब्ध राशि का 78.82 प्रतिशत व्यय
पीएम पोषण योजना के तहत केंद्र और राज्य दोनों के हिस्से से मिलाकर इस वर्ष कुल 686 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि उपलब्ध की गई थी। 12 अक्टूबर 2024 तक प्रदेश सरकार ने इस राशि में से 667 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि सभी जनपदों को आवंटित कर दी है। इसके साथ ही इस योजना के तहत 540.66 करोड़ रुपए का व्यय भी किया जा चुका है, जो कि कुल उपलब्ध राशि का 78.82 प्रतिशत है।



मिड-डे मील की जगह लागू की गई योजना  
इस योजना को केंद्र सरकार ने सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मंजूरी दी है। यह योजना मिड-डे मील योजना की जगह लागू की गई है, जिससे बच्चों को पोषक आहार प्रदान किया जा सके। इस योजना को 2021-22 से 2025-26 तक पांच वर्षों के लिए लागू किया गया है। बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना में विशेष ध्यान दिया गया है ताकि उन्हें सही पोषण मिले और समग्र विकास संभव हो सके।

अतिरिक्त सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशन देने का निर्णय
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में पीएम पोषण योजना के तहत आच्छादित विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे सभी छात्रों को अतिरिक्त सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशन देने का निर्णय लिया गया है। यह कदम बच्चों को और अधिक पोषक तत्वों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। सरकार की ओर से यह भी सुनिश्चित किया गया है कि योजना में खाद्यान्न लागत, परिवर्तन लागत, रसोईयां मानदेय, परिवहन लागत और Monitoring, Evaluation & Management (MME) जैसी मदों के लिए कुल 2198.27 करोड़ रुपए की राशि का अनुमोदन प्राप्त हो चुका है।

योजना संचालन के लिए द्वितीय किस्त का अनुरोध
विगत वित्तीय वर्ष की अनुमोदित राशि में से 280.83 करोड़ रुपए का अवशेष बचा हुआ था। वहीं, भारत सरकार ने पहले ही 405.14 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त कर दी है। इस प्रकार राज्य सरकार के पास कुल 686.97 करोड़ रुपए की राशि योजना के लिए उपलब्ध है, जो प्रदेश के विद्यालयों में बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन मुहैया कराने के लिए प्रयोग में लाई जाएगी। अब तक 12 अक्टूबर 2024 तक सभी जनपदों को 667.77 करोड़ रुपए आवंटित किए जा चुके हैं। इन धनराशियों में से 540.66 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इससे स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार ने योजना के उद्देश्य को प्राथमिकता देते हुए वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही प्रमुख हिस्से का उपयोग कर लिया है। राज्य सरकार ने योजना के संचालन के लिए द्वितीय किस्त जारी किए जाने का अनुरोध किया है। यह अनुरोध इस बात का संकेत है कि योजना की गति बनी रहे और बच्चों को समय पर पोषण मिल सके। 

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