प्रदेश में अभी कुछ माह पहले बिजली चोरी के राजस्व निर्धारण पर 65 प्रतिशत तक छूट देकर करोड़ों के राजस्व निर्धारण को माफ किया जा चुका है। देखा जाए तो यह लोकसभा में पारित विद्युत अधिनियम 2003 का खुला उल्लंघन था। इसके बावजूद अधिकारियों ने नियम कानून की परवाह नहीं की।