UPPCL PPP Model : नए साल के पहले दिन कल काली पट्टी बांधकर अभियंता-कर्मचारी दर्ज कराएंगे विरोध, शीर्ष प्रबंधन का सामाजिक बहिष्कार

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Dec 31, 2024 21:08

दक्षिणांचल व पूर्वाचल के 42 जनपदों के निजीकरण के विरोध में कल 1 जनवरी 2025 को नए वर्ष के शुभ अवसर पर पूरे प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में दलित व पिछड़ा वर्ग के अभियंता, अधिकारी पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के बैनर तले काली पट्टी बांधकर अपना नियमित काम करेंगे।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PuVVNL) के पीपीपी मॉडल के विरोध में कल बड़ा विरोध दर्ज कराया जाएगा। सभी ऊर्जा निगमों अभियंता और कार्मिक संगठन नए साल के पहले दिन सरकार को चेताने के लिए काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। इस दौरान सरकार से निजीकरण को उपभोक्ताओं के साथ कर्मचारियों के लिए नुकसानदायक बताते हुए फैसला वापसी की पुरजोर तरीके से मांग की जाएगी। साथ ही यूपीपीसीएल के शीर्ष प्रबंधन का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।

दक्षिणांचल व पूर्वाचल के 42 जिले निजीकरण से होंगे प्रभावित
दक्षिणांचल व पूर्वाचल के 42 जनपदों के निजीकरण के विरोध में कल 1 जनवरी 2025 को नए वर्ष के शुभ अवसर पर पूरे प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में दलित व पिछड़ा वर्ग के अभियंता, अधिकारी पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के बैनर तले काली पट्टी बांधकर अपना नियमित काम करेंगे। नए वर्ष पर विद्युत आपूर्ति में कहीं भी कोई व्यवधान नहीं आए, इसके लिए तत्परता से काम किया जाएगा। लेकिन, निजीकरण की खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। एसोसिएशन ने कहा है कि बाबा साहब की संवैधानिक व्यवस्था आरक्षण पर होने वाले कुठाराघात के मद्देनजर संवैधानिक तरीके से विरोध जारी रहेगा, हमारी मांग है कि सरकार पीपीपी मॉडल के तहत निजीकरण का फैसला वापस ले।



दोनों बिजली कंपनियों में 16000 आरक्षण के पद हो जाएंगे समाप्त
एसोसिएशन के अध्यक्ष के बी राम, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, महासचिव अनिल कुमार, सचिव आरपीकेन, संगठन सचिव बिंदा प्रसाद, एके प्रभाकर और ट्रांसमिशन अध्यक्ष सुशील कुमार वर्मा ने अपने बयान में कहा कि प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वह नए वर्ष पर काली पट्टी बांधकर अपना नियमित काम करें। जिस प्रकार से पावर कॉरपोरेशन निजीकरण को आगे बढ़ा रहा है, उससे आने वाले समय में दोनों बिजली कंपनियों में स्वीकृत पद के अनुपात में लगभग 16000 आरक्षण के पद समाप्त हो जाएंगे। सबसे पहले पदोन्नतियों में आरक्षण छीन गया और अब नौकरियों मे आरक्षण छीनने की तैयारी है जिसे हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।

उपभोक्ताओं को नहीं होने दी जाएगी कोई समस्या
पावर ऑफिसर एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि सभी बिजली कंपनियों में निर्देश जारी कर दिए गए हैं उपभोक्ता सेवा में कोई भी गिरावट नहीं आने दी जाए। हम सभी अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए विरोध दर्ज कराएंगे। संगठन का हमेशा से मानना रहा है की हर संवैधानिक लड़ाई में उपभोक्ताओं को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का मानव श्रृंखला बनाकर विरोध दर्ज कराने का निर्णय
इस बीच विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र की कोर बैठक में अहम निर्णय किया गया। इसके तहत पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के निर्णय के विरोध में नये साल के पहले दिन सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी और अभियंता 'काला दिवस' मनायेंगे। सभी बिजली कर्मी पूरे दिन दाहिने बाजू पर काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे। भोजनावकाश के दौरान बिजली कर्मी अपने कार्यालय से बाहर आकर काली पट्टी बांधे हुए मानव श्रृंखला बनाकर निजीकरण का शांति पूर्वक विरोध करेंगे। संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा कि अनावश्यक तौर पर बिजली कर्मियों का बड़े पैमाने पर निलंबन और उत्पीड़न किए जाने के विरोध में नव वर्ष 2025 के अवसर पर चेयरमैन और पॉवर कारपोरेशन के शीर्ष प्रबंधन, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक और पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक का सभी बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी और अभियन्ता सामाजिक बहिष्कार करेंगे।

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