डिफेंस इंडस्ट्री की आत्मनिर्भरता में यूपी बनेगा मजबूत आधार : लखनऊ और कानपुर में स्थापित होंगे तीन प्रोजेक्ट, 117 करोड़ खर्च करेगी सरकार

UPT | डिफेंस इंडस्ट्री की आत्मनिर्भरता में यूपी बनेगा मजबूत आधार

Jul 11, 2024 15:46

उत्तर प्रदेश सरकार भारत के रक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है। लखनऊ और कानपुर में तीन प्रमुख परियोजनाओं को लागू करने की तैयारी है।

Short Highlights
  • आत्मनिर्भरता में यूपी बनेगा मजबूत आधार
  • लखनऊ और कानपुर में स्थापित होंगे तीन प्रोजेक्ट
  • 117 करोड़ खर्च करेगी सरकार
Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार भारत के रक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार रक्षा मंत्रालय की डिफेंस टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम (डीटीआईएस) के तहत तीन प्रमुख परियोजनाओं को लागू करने की तैयारी में है।

कानपुर-लखनऊ में होंगे प्रोजेक्ट
इन तीन परियोजनाओं को कानपुर और लखनऊ में स्थापित किया जाएगा। इनका उद्देश्य रक्षा प्रौद्योगिकी के परीक्षण में मौजूद बुनियादी कमियों को दूर करना है। इस पहल पर कुल 117 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा, जिसमें केंद्र सरकार 75% और राज्य सरकार 25% का योगदान देगी।

मिधानि, बीईएल और एचएएल पर दारोमदार
इस योजना के तहत, लखनऊ में मिधानि (मिश्र धातु निगम लिमिटेड) द्वारा 40 करोड़ रुपये की लागत से एक मैकेनिकल और मैटेरियल टेस्टिंग सुविधा स्थापित की जाएगी। आईआईटी कानपुर में, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) 31 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से एक संचार परीक्षण सुविधा स्थापित करेगी। इसी परिसर में, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) एक मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) परीक्षण सुविधा भी स्थापित करेगी।

आत्मनिर्भर बनाने में बड़ा कदम
इन परियोजनाओं का उद्देश्य न केवल स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है, बल्कि विशेष रूप से एमएसएमई और स्टार्टअप्स की भागीदारी को प्रोत्साहित करना भी है। यह पहल 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करना और विदेशी आयात पर निर्भरता को कम करना है। उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के हिस्से के रूप में, ये परियोजनाएं न केवल राज्य में रक्षा उद्योग को बढ़ावा देंगी, बल्कि पूरे देश के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेंगी। यह पहल रक्षा अनुसंधान और विकास को भी बढ़ावा देगी, जो भारत की सैन्य तकनीकी क्षमताओं को और मजबूत करेगी।

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