मेरठ न्यूज : इंटीग्रेटेड टाउनशिप में मिलेगा 1 लाख 85 हजार लोगों को घर, जानें कब होगा जमीन अधिग्रहण

Uttar Pradesh Times | प्रतीकात्मक फोटो

Jan 27, 2024 17:19

मेरठ में जमीन के दाम आसमान पर पहुंचे हुए हैं। विकास की रफ्तार ने जमीन की कीमतों को फर्श से अर्श पर पहुंचा दिया है। वहीं अब मेडा ने प्रदेश की पहली इंटीग्रेटेड टाउनशिप के लिए जमीन खरीद की तैयारी की प्रक्रिया में अगला कदम बढ़ा दिया है। मेडा ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी है।

Short Highlights

- मेडा ने शासन को भेजी रिपोर्ट, चार गांव की जमीन चिन्हित

Meerut News : मेरठ के विकास को पंख लग गए हैं। हाईस्पीड रैपिड रेल, चारों तरफ एक्सप्रेस वे और हाइवे का संजाल और अब इंटीग्रेटेड टाउनशिप की तैयारी। वो दिन दूर नहीं जब लोग एनसीआर के दूसरे शहरों को छोड़कर मेरठ की ओर रुख करेंगे। हालांकि अभी से मेरठ में जमीन के दाम आसमान पर पहुंचे हुए हैं। विकास की रफ्तार ने जमीन की कीमतों को फर्श से अर्श पर पहुंचा दिया है। वहीं अब मेडा ने प्रदेश की पहली इंटीग्रेटेड टाउनशिप के लिए जमीन खरीद की तैयारी की प्रक्रिया में अगला कदम बढ़ा दिया है। मेडा ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी है।

जमीन अधिग्रहण के लिए खर्च होने वाली धनराशि का आकलन शासन को भेजा
इंटीग्रेटेड टाउनशिप में एक लाख 85 हजार लोगों को घर दिलाने की दिशा में मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने कदम बढ़ाए हैं। मेडा ने प्रदेश की पहली इंटीग्रेटेड टाउनशिप के लिए जमीन खरीद की तैयारी शुरू कर दी है। मेडा ने जमीन के लिख चार गांवों को चिह्नित किया है। जमीन अधिग्रहण के लिए खर्च होने वाली धनराशि का आकलन कर इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। गांवों के किसानों से आपसी सहमति बनने के बाद फरवरी 2024 से जमीन खरीद की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।

इन गांवों में जमीन 
मेडा ने गांव इकला, छज्जूपुर, कायस्थ गांवड़ी और मोहिउद्दीनपुर गांव की 294.6813 हेक्टेयर जमीन पर नई इंटीग्रेटेड टाउनशिप बनाने का फैसला किया है। पहले चरण में छज्जूपुर में 30.09 हेक्टेयर और मोहिउद्दीनपुर में 111.79 हेक्टेयर जमीन लेने का काम पूरा किया जाएगा। दोनों गांव की कुल 141 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण के लिए 1007.34 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके दायरे में 750 किसानों की जमीन आ रही है। 

प्राधिकरण किसानों से सहमति के आधार पर उनकी जमीन को खरीदेगा
मेडा अधिकारियों का कहना है कि योजना के लिए चयनित चारों गांव की भूमि नगर की सीमा में नहीं है। शासन की गाइडलाइन के मुताबिक, नगर की सीमा के अंतर्गत अकृषक भूमि के लिए सर्किल दरों का दो गुना और नगर सीमा के बाहर अकृषक भूमि के लिए सर्किल दर का चार गुना देना होता है। ऐसे में प्राधिकरण किसानों से सहमति के आधार पर उनकी जमीन को खरीदेगा। 
मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि अधिग्रहण में प्रकाशन की तारीख से अवार्ड घोषित होने तक की अवधि का 12 प्रतिशत ब्याज की धनराशि जमा करनी होगी। इसमें 10 प्रतिशत अर्जन व्यय प्राधिकरण को देना होगा। आपसी सहमति से भूमि खरीद करने पर सात प्रतिशत स्टाम्प व एक प्रतिशत निबंधन शुल्क देय होगा। आपसी सहमति से ऐसे में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। जमीन लेने की प्रक्रिया फरवरी में शुरू करेंगे। 

किसान कर रहे विकसित प्लॉट की मांग
मेडा अधिकारियों की मानें तो किसानों से कई दौर में वार्ता हुई है। जिसमें मेडा आपसी सहमति से जमीन लेने के लिए शिविर लगा रहा है। इससे किसान उत्साहित हैं। किसान जमीन देने को तैयार तो हैं जिसमें कुछ किसान चार गुना मुआवजे की मांग कर रहे हैं। जबकि कुछ परियोजना में विकसित भूखंड चाह रहे हैं। ऐसे में आपसी सहमति कर इंटीग्रेटेड टाउनशिप को विकसित किया जाएगा।

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