Meerut News : सरकारी स्कूलों को बंद करने के विरोध में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मेरठ में किया प्रदर्शन

UPT | आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मेरठ में किया प्रदर्शन

Nov 09, 2024 22:46

सरकारी विद्यालयों को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके और शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित रहे।

Short Highlights
  • दलितों, पिछड़ों, गरीबों के बच्चों को अशिक्षित रखने का आरोप 
  • मेरठ के कमिश्नरी पार्क में सरकार के खिलाफ आप ने की नारेबाजी
  • सरकारी विद्यालयों को बंद कर निजी विद्यालयों को मान्यता देने का आरोप 
Meerut News : आज आम आदमी पार्टी मेरठ जिला अध्यक्ष अंकुश चौधरी के नेतृत्व में पार्टी पदाधिकारियों ने कमिश्नरी पार्क पर एकत्र होकर योगी आदित्यनाथ सरकार के 27,000 सरकारी विद्यालयों के बंदी आदेश के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी आप कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी मेरठ के माध्यम से संबंधित अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।

27,000 सरकारी स्कूलों को बंद करने की योजना
जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी ने कहा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों को लेकर हाल में खबर आई कि 27,000 सरकारी स्कूलों को बंद करने की योजना बनाई गई है। यह प्रदेश सरकार द्वारा 2020 तक बंद किए गए 26,000 स्कूलों के बाद अब एक नया कदम है। सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश न केवल सरकार की नीतियों को संदिग्ध बनाता है बल्कि यह सीधे तौर पर गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। 

सरकारी विद्यालयों के पास निजी विद्यालयों को मान्यता
प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा जानबूझकर सरकारी विद्यालयों के पास निजी विद्यालयों को मान्यता देने और उन्हें खोलने की नीति अपनाई जा रही है, ताकि सरकारी विद्यालयों में छात्र की संख्या कम हो सके और उन्हें बंद करने का रास्ता तैयार हो। यह एक सुनियोजित साजिश प्रतीत होती है, जिसके अंतर्गत सरकारी विद्यालयों के पास निजी विद्यालयों की अनुमति दी जा रही है, जबकि नियमानुसार एक किलोमीटर की परिधि में ऐसे विद्यालयों को मान्यता नहीं दी जा सकती।

हर ब्लॉक में विद्यालयों को चिहिंत कर कार्यवाही की मांग 
आम आदमी पार्टी मांग करती है कि हर जनपद के हर ब्लॉक में ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर कार्यवाही की जाए, जो सरकारी विद्यालयों के पास स्थित हैं और अवैध रूप से खोले गए हैं। यह एक गंभीर मामला है, क्योंकि इन निजी विद्यालयों की अनुमति देने से सरकारी विद्यालयों में छात्रों की संख्या घटती है और उनका अस्तित्व संकट में आ जाता है।

छात्रों की शिक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ेगा
27,000 सरकारी विद्यालयों को बंद करने का आदेश गलत है इससे न केवल छात्रों की शिक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ेगा, बल्कि इससे कई योग्य शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे, जो पहले से राज्य सरकार की शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास कर चुके हैं और उन्हें रोजगार का अवसर मिल चुका है। इस कदम से सरकारी शिक्षा का ढांचा कमजोर  होने के साथ साथ सामाजिक असमानता और आर्थिक विषमताओं को बढ़ावा मिलेगा।

शिक्षा विरोधी नीतियों पर तुरंत रोका लगाई जाए
मांग कि इस मामले को संज्ञान लेकर सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों पर तुरंत रोका लगाई जाए। और सरकारी विद्यालयों को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके और शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित रहे आज के धरना प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी महानगर अध्यक्ष अंकित गिरी, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल राघव, जिला उपाध्यक्ष हबीब अंसारी, जिला उपाध्यक्ष देश वीर सिंह, किसान प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष फुरकान त्यागी, जिला महासचिव जीएस राजवंशी, जिला संरक्षक एसके शर्मा और मोहित आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे। 

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