Air Pollution : प्रदूषण से पश्चिम में हालात खराब, शहरों का एक्यूआई 200 के पार

UPT | मेरठ में वायु प्रदूषण के कारण वातावरण में छाई धुंध।

Oct 18, 2024 22:02

प्रदेश के जिन शहरों को सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शामिल किया गया है। उनमें मेरठ, नोएडा, मुजफ्फरनगर, गजरौला, गाजियाबाद, आगरा, प्रयागराज, बरेली, फिरोजाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, खुर्जा, लखनऊ, मुरादाबाद, रायबरेली और वाराणसी

Short Highlights
  • मेरठ, गाजियाबाद और नोएडा में दिनों दिन खराब हो रहे हालात
  • ग्रेप सिस्टम लागू होने के बाद भी नहीं संभल रही स्थिति
  • यहीं हाल रहा तो अक्टूबर में 300 तक पहुंच सकता है एक्यूआई
Air Pollution : पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिलों में प्रदूषण से हालात खराब होते जा रहे हैं। लगभग सभी जिलों का एक्यूआई 200 के पार पहुंच रहा है। ग्रेप सिस्टम लागू होने के बाद भी हालात में सुधार नहीं हो रहा है। सीपीसीबी ने चेतावनी दी है कि अगर अभी से सुधार नहीं किया गया तो अक्टूबर में ही एक्यूआई 300 तक पहुंच सकता है। जो कि खतरनाक स्थिति होगी। मेरठ में प्रदूषण का स्तर सर्वाधिक 260 है। पश्चिमी यूपी के शहरों में प्रदूषण की स्थिति अधिक खराब है। इनमें नोएडा, गाजियाबाद, खुर्जा और मुरादाबाद जैसे शहर शामिल हैं।

शहर इन दिनों वायु प्रदूषण की चपेट में
यूपी के अधिकांश शहर इन दिनों वायु प्रदूषण की चपेट में हैं। उत्तर प्रदेश गंभीर प्रदूषण स्तर का सामना कर रहा है। इसके लिए तत्काल कार्रवाई जरूरी है। बता दें कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत देश में प्रदूषण से जूझ रहे राज्यों के लिए साल 2026 तक इसमें 40 फीसदी की कमी लाने का लक्ष्य रखा है। उत्तर प्रदेश के सबसे अधिक प्रदूषित 15 शहरों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, नोएडा, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और मुरादाबाद जैसे शहरों में प्रदूषण की स्थिति भयावह है।

पीएम 10 के स्तर में हल्का सुधार
पूर्वानुमानों के अनुसार हवा में प्रदूषणकारी तत्व पीएम 10 के स्तर में 20% से अधिक की कमी आई है, मुरादाबाद में 55%, गाजियाबाद में 48%, आगरा में 41% और वाराणसी में 40% की कमी आई। 

प्रदूषण की सूची में ये शहर शामिल
प्रदेश के जिन शहरों को सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शामिल किया गया है। उनमें मेरठ, नोएडा, मुजफ्फरनगर, गजरौला, गाजियाबाद, आगरा, प्रयागराज, बरेली, फिरोजाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, खुर्जा, लखनऊ, मुरादाबाद, रायबरेली और वाराणसी हैं। इन शहरों ने कठोर सड़क धूल प्रबंधन रणनीतियों, कठोर वाहन उत्सर्जन जांच और मजबूत औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण को भी लागू किया है। इसके बाद भी इन शहरों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के हालात काबू में नहीं आ पा रहे हैं। 

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