मांगे नहीं मानी जाती हैं तो 25 और 26 जनवरी को सभी हाइवे पर अपने-अपने ट्रैक्टरों का मुंह दिल्ली की तरफ करके खड़ा कर दिया। एक तरफ का हाइवे किसानों के कब्जे में होगा जबकि दूसरी तरफ ट्रैफिक चलेगा। दो दिन में अगर किसानों की मांगे नहीं मानी जाती तो फिर दिल्ली कूंच किया जाएगा।