India International Science Festival IISF 2024 : डेंगू, चिकनगुनिया और ज़ीका वायरस की डायग्नोसिस किट बनाएंगे सीडीआरआई और केजीएमयू

UPT | सीडीआरआई में आयोजित कार्यक्रम में केजीएमयू के बीच समझौते पर हस्ताक्षर।

Nov 14, 2024 11:35

यह कार्यक्रम सार्थक साझेदारी और लक्षित अनुसंधान के माध्यम से किफायती स्वास्थ्य देखभाल समाधान को आगे बढ़ाने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है

Short Highlights
  • सीडीआरआई और केजीएमयू के बीच हुआ समझौता 
  • सीएसआईआर-सीडीआरआई ने सम्मेलन का आयोजन किया
  • सीएसआईआर-सीडीआरआई में इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल आईआईएसएफ 2024 
India International Science Festival IISF 2024 : सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीडीआरआई) लखनऊ ने 13-14 नवंबर, 2024 को 'सीएसआईआर वन वीक वन थीम' (ओडब्ल्यूओटी) पहल के तहत 'किफायती स्वास्थ्य देखभाल के लिए भारत की अनुसंधान एवं विकास प्राथमिकताएँ' विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पार्थ सेन शर्मा, स्वास्थ्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सीएसआईआर हेल्थकेयर थीम टेक-शो का उद्घाटन करके किया गया।

भारत के स्वास्थ्य देखभाल लक्ष्यों के साथ अनुसंधान
सीएसआईआर-सीडीआरआई की निदेशक, डॉ. राधा रंगराजन ने विभिन्न सीएसआईआर लैब्स के निदेशकों सहित गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया तथा ओडब्ल्यूओटी को भारत के स्वास्थ्य देखभाल लक्ष्यों के साथ अनुसंधान और विकास को संरेखित करने के लिए एक सहयोगी मंच के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने कहा, 'यह कार्यक्रम सार्थक साझेदारी और लक्षित अनुसंधान के माध्यम से किफायती स्वास्थ्य देखभाल समाधान को आगे बढ़ाने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है।'
मुख्य अतिथि पार्थ सेन शर्मा ने इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ 2024) का पूर्वावलोकन किया। पार्थ सेन शर्मा ने कहा कि 'रोकथाम पर आधारित स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच' भारत की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए आवश्यक हैं।

आर्बोवायरल संक्रमणों के लिए समझौते पर हस्ताक्षर 
कार्यक्रम में सीएसआईआर-सीडीआरआई एवं किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के बीच "आर्बोवायरल (डेंगु, चिकनगुनिया एवं ज़ीका वायरस) संक्रमणों के लिए इन-हाउस टैक़मैन जैसी प्रोब आधारित आरटी-पीसीआर डिटेक्शन किट के विकास" शीर्षक वाले प्रोजेक्ट के लिए एक सहयोगी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। परियोजना प्रमुख डॉ. अतुल गोयल, डॉ. आशीष अरोड़ा तथा डॉ. नीति कुमार के साथ मिलकर सीएसआईआर-सीडीआरआई से प्रोब का विकास करेंगे, जबकि केजीएमयू में प्रोफेसर अमिता जैन एवं उनकी टीम रोगी नमूनों पर किट का परीक्षण और सत्यापन करेंगी।

एंटी-माइक्रोबियल रेसिस्टेंस एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दा 
अगला सत्र एंटी-माइक्रोबियल रेसिस्टेंस (एएमआर), एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दे पर केंद्रित था। इस सत्र में सीएसआईआर के एएमआर मिशन, एंटीबायोटिक प्रतिरोध से निपटने के लिए रासायनिक आनुवंशिक दृष्टिकोणों और मल्टी-ड्रग रेसिस्टेंट (एमडीआर) बैक्टीरियल संक्रमणों के इलाज के लिए नए यौगिक जैसे बीडब्ल्यूसी0977 के खोज और विकास को कवर किया गया। डॉ. राधा रंगराजन द्वारा संचालित एक पैनल चर्चा में आईआईटी रुड़की से डॉ. रंजना पाठक, बगवर्क्स से डॉ. हरीश कौशिक, और अपोलो अस्पताल, चेन्नई से डॉ. अब्दुल गफूर जैसे विशेषज्ञों ने एएमआर से निपटने के लिए अभिनव दृष्टिकोणों पर चर्चा की।

भारत की स्वास्थ्य देखभाल प्राथमिकताओं पर चर्चा 
इस कार्यक्रम में प्रमुख वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं ने भारत की स्वास्थ्य देखभाल प्राथमिकताओं पर चर्चा की, जिसमें जीन संपादन, एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) और कैंसर उपचार में नवाचार शामिल हैं। लखनऊ, कानपुर, बाराबंकी और सीतापुर जिले के विभिन्न कॉलेजों के मेडिकल, फार्मेसी, माइक्रोबायोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी के छात्र भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।
 

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