Chhath Puja 2024 : सूर्य उपासना का पर्व छठ, नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ महापर्व

UPT | छठ महापर्व 2024

Nov 06, 2024 09:37

छठ पूजा के चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। सूर्य देव को अर्घ्य देते समय संतान और परिवार की सुख शांति बनाए रखने की कामना की जाती है। सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद प्रसाद ग्रहण किया जाता है और छठ पर्व के व्रत का समापन होता है।

Short Highlights
  • मेरठ में भी बड़े पैमाने पर मनाया जाता है छठ पर्व
  • हिंदू धर्म में छठ महापर्व का विशेष महत्व 
  • सूर्य उपासना के रूप में तीन दिन का महापर्व
Chhath Puja 2024 : सूर्य उपासना के रूप में तीन दिन तक मनाया जाने वाला सबसे बड़ा छठ महापर्व आज नहाय-खाय के साथ के शुरू हो गया है। हिंदू धर्म में छठ महापर्व का विशेष महत्व है। छठ महापर्व देश के अधिकांश हिस्सों में मनाया जाता है। छठ पर्व को लोक आस्था का महापर्व कहा जाता है। इसमें छठ मैया की पूजा के साथ भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। महिलाएं बच्चों के स्वास्थ्य, सफलता और दीर्घायु के लिए 36 घंटे का उपवास करती हैं। मेरठ में पूर्वांचल के लोग बड़े उत्साह से यह पर्व मनाते हैं। यह पर्व पांच से आठ नवंबर तक चलेगा।

इस देवी का नाम षष्ठी रखा गया
पंड़ित सुधाकराचार्य ने बताया कि छठ पर्व में पानी में खड़े होकर स्नान, उपवास और सूर्य को अर्घ्य देना शामिल है। प्रकृति का छठा अंश होने के कारण इस देवी का नाम षष्ठी रखा गया। देवी, बालकों की रक्षा और आयु प्रदान करती हैं। स्कंद पुराण में इन्हें देवी कात्यायनी कहा गया है। षष्ठी तिथि शिशुओं के संरक्षण व संवर्धन की देवी हैं।

पहले दिन सूर्योदय 06:45 बजे और सूर्यास्त शाम 05:25 बजे
उन्होंने बताया कि पहले दिन सूर्योदय 06:45 बजे और सूर्यास्त शाम 05:25 बजे होगा। व्रती महिलाएं नदी में स्नान के बाद नए वस्त्र धारण कर भोजन ग्रहण करेंगी। इस दिन व्रती के भोजन ग्रहण करने के बाद घर के बाकी सदस्य भोजन ग्रहण करते हैं।
दूसरे दिन यानी आज बुधवार को खरना होगा। आज सूर्यास्त शाम 05:26 बजे होगा। खरना के दिन व्रती एक समय मीठा भोजन करते हैं। इस दिन गुड़ से बनी चावल की खीर खाई जाती है।

कल डूबते सूर्य को अर्घ्य
तीसरे दिन गुरुवार को संध्या समय में नदी या सरोवर के घाट पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। व्रती महिलाएं सूर्य उदय होने से पहले रात को मिश्री डालकर पानी पीती हैं। शाम के समय सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है। भगवान सूर्य देव की उपासना के लिए इस दिन पकवान जिसमें ठेकुआ और मौसमी फल अर्पित किए जाते हैं। डूबते सूर्य को अर्ध्य देने का समय शाम 5:30 बजे तक रहेगा।

आठ नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य
छठ पूजा के चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। सूर्य देव को अर्घ्य देते समय संतान और परिवार की सुख शांति बनाए रखने की कामना की जाती है। सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद प्रसाद ग्रहण किया जाता है और छठ पर्व के व्रत का समापन होता है। उगते सूर्य को अर्घ्य सूर्योदय सुबह 06:47 बजे होगा। इसके बाद ही 36 घंटे का व्रत समाप्त होता है। 
 

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