Meerut News : मेरठ में बाढ़ का खतरा, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जारी किए ​निर्देश

UPT | बैठक करते अधिकारी।

Jul 05, 2024 02:48

बाढ़ की आशंका से आपको अपना स्थाई स्थान छोड़ना पड़े तो बिजली के मेन स्विच और गैस वाल्व को तुरंत बंद कर दें। बिजली के उपकरणों को हटाकर अलग रख दें एवं जरूरी चीजों को किसी ऊपरी जगह पर रख दें। 

Short Highlights
  • बाढ़ से बचाव के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सक्रिय 
  • बाढ़ एवं वज्रपात के संबंध में बचाव हेतु जारी किये दिशा-निर्देश
  • बाढ़ से बचाव के लिए हस्तिनापुर और खादर में उच्च स्थान चिंहिंत
Meerut News : पहाड़ों पर हो रही भीषण बारिश से अब निचले स्तर पर नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। मेरठ के खादर में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बाढ़ से बचाव के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सक्रिय हो गया है। बाढ एवं वज्रपात से बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व सूर्यकान्त त्रिपाठी ने बताया कि वर्तमान वर्ष 2024-25 में जनपद मेरठ में अत्यधिक वर्षा एवं बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने के दृष्टिगत जिलाधिकारी दीपक मीणा व उनकी अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने निर्देश जारी किए हैं।

बिजली के मेन स्विच और गैस वाल्व को तुरंत बंद कर दें
मेरठ में तैनात जिला आपदा विशेषज्ञ दीपक कुमार द्वारा उपरोक्त आपदाओं के संबंध में बताया गया कि बाढ़ अत्यधिक वर्षा, बादल फटने, बांध टूटने, वनों की कटाई एवं नदी की धारा में परिवर्तन आदि जैसे कारणों से आती है। यदि बाढ़ की आशंका से आपको अपना स्थाई स्थान छोड़ना पड़े तो बिजली के मेन स्विच और गैस वाल्व को तुरंत बंद कर दें। बिजली के उपकरणों को हटाकर अलग रख दें एवं जरूरी चीजों को किसी ऊपरी जगह पर रख दें। 

जरूरी कागजात और खाने की चीजे रखें साथ 
बाढ़ से बचाव हेतु बाढ़ से पूर्व-ऊंचे स्थानों को पहले से चिन्हित करें, जरूरी कागजात जैसे राशन कार्ड, पासबुक, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड इत्यादि को वाटरप्रूफ बैग में इकट्ठा रखें। आवश्यकतानुसार खाद्य सामग्री जैसे बिस्किट, लाई, चना, गुड़, नमक, चीनी, सत्तू इत्यादि एकत्र करें, बीमारी से बचाव हेतु क्लोरीन, ओ०आर०एस० तथा आवश्यक दवाईया प्राथमिक उपचार किट में रखें। जैरी कैन्, छाता, त्रिपाल, रस्सी, हवा से भरी ट्यूब, प्राथमिक उपचार किट, मोबाइल व चारजर, बैटरी चालित रेडियो टॉर्च, इमरजेंसी लाइट, माचिस इत्यादि पहले से तैयार रखें। सूखे अनाज व मवेशियों के चारे को किसी ऊंचे स्थान पर सुरक्षित रखें एवं पशुओं में होने वाली बीमारी की रोकथाम हेतु पशुओं का समय से टीकाकरण कराएं। 

महिलाओं, बच्चों और बुजुर्ग को पहले सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए
बाढ़ के दौरान-बाढ़ की चेतावनी मिलते ही गर्भवती महिलाओं, बच्चों, वृद्ध, दिव्यांगजनों एवं बीमार व्यक्तियों को तुरंत सुरक्षित ऊंचे स्थान पर पहुंचाएं। घर छोड़ने से पूर्व बिजली का मुख्य स्विच व गैस रेगुलेटर को बंद करें एवं शौचालय सीट को बालू से भरी बोरी से ढकें। उबला हुआ या फ्लोरीन युक्त पानी का उपयोग करें, बिजली के तार व ट्रांसफार्मर से दूर रहें, डंडे से पानी की गहराई की जांच करें, गहराई पता ना होने पर उसे पार करने की कोशिश ना करें, विषैले प्राणियों जैसे सांप, बिच्छू आदि से सतर्क रहे, सांप काटने पर पीड़ित व्यक्ति को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं, गर्भवती महिलाओं हेतु आशा एवं ए०एन०एम० की मदद से सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था करें। बाढ़ में डूबे  हैंडपंप के पानी का सेवन ना करें, बाढ़ के पानी के संपर्क में आई खाद्य सामग्रियों का सेवन ना करें, क्षमता से अधिक लोग नाव पर ना बैठे एवं लाइफ जैकेट जरूर पहने, बच्चों को बाढ़ के पानी में ना खेलने दें। 

क्षतिग्रस्त घरों एवं संरचनाओं में प्रवेश ना करें
बाढ़ के बाद-बाढ़ से क्षतिग्रस्त घरों एवं संरचनाओं में प्रवेश ना करें, क्षतिग्रस्त बिजली के उपकरणों का प्रयोग ना करें, क्षतिग्रस्त पुल या पुलिया को पार करने की कोशिश ना करें, स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सुरक्षित घोषित करने पर ही बाढ़ में डूबे हैंडपंप के पानी का उपयोग करें, महामारी की रोकथाम के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं घरों के आसपास ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करें, संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु मरे हुए पशुओं एवं मलबो को एक जगह एकत्र कर जमीन में दबाएं, डेंगू-मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।

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