चिटहेरा भूमि घोटाला : गैंगस्टर यशपाल तोमर से बड़ा किरदार राजेश शर्मा, जिसने किसानों को लूटा, करोड़ों रुपये मुआवजा और सैकड़ों बीघा जमीन डकार गया

UPT | गैंगस्टर यशपाल तोमर से बड़ा किरदार राजेश शर्मा

Feb 16, 2024 19:28

चिटहेरा भूमि घोटाला करीब तीन साल से सुर्खियों में है, लेकिन इसमें परत-दर-परत नए खुलासे हो रहे हैं। अब इस मामले में एक ऐसा किरदार सामने...

Noida News : चिटहेरा भूमि घोटाला करीब तीन साल से सुर्खियों में है, लेकिन इसमें परत-दर-परत नए खुलासे हो रहे हैं। अब इस मामले में एक ऐसा किरदार सामने आया है, जिसकी भूमिका यशपाल तोमर से बड़ी है। उसने चिटहेरा गांव के किसानों को लूटा है। सरकारी और दलित किसानों की सैकड़ों बीघा जमीन डकार गया है। जानकारों का तो यहां तक कहना है कि यही व्यक्ति इस घोटाले का असली खिलाड़ी है। यशपाल तोमर तो एक मोहरा है। यह दिल्ली का रहने वाला है और केबल ऑपरेटिंग कारोबार से ताल्लुक रखता है। Uttar Pradesh Times ने इसकी कुंडली खंगाली है। बड़ी बात यह है कि गौतमबुद्ध नगर पुलिस इसके कच्चे चिट्ठे खोलने में नाकाम रही है।

राजेश शर्मा ने चिटहेरा के किसानों को कैसे लूटा
गौतमबुद्ध नगर की दादरी तहसील के गांव चिटहेरा में अरबों रुपये का भूमि घोटाला हुआ। जिसका मास्टरमाइंड गैंगस्टर भूमाफिया यशपाल तोमर हरिद्वार जेल में बंद है। उसे करीब 25 महीनों से जमानत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लंबित है। नए किरदार राजेश शर्मा ने यशपाल तोमर से भी कहीं लाभ ज्यादा उठाया है और आराम से मौज ले रहा है। चिटहेरा गांव के किसानों को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से जमीन का मुआवजा मिला और तुरंत राजेश शर्मा के बैंक खातों में चला गया। किसान धनपत सिंह पुत्र गंगादास को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने मुआवजा दिया। अथॉरिटी ने 30 जुलाई 2016 को धनपत के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया दादरी के खाते में 1,19,70,000 रुपये ट्रांसफर किए थे। उसी दिन यह पैसा राजेश शर्मा के बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया गया था। सुनहरी देवी पत्नी नत्थी के खाते से 1,11,49,000 रुपये और वेद प्रकाश गौतम पुत्र जय सिंह के खाते से 58,65,000 रुपये 30 जुलाई 2016 को राजेश शर्मा के बैंक खाते में आरटीजीएस या एनईएफटी के जरिए ट्रांसफर किए गए। इसके बाद 02 अगस्त 2016 राजेश कुमार पुत्र यादराम को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने 82,47,800 रुपये मुआवजा भेजा था। यह पैसा भी थोड़ी देर बाद राजेश शर्मा को ट्रांसफर कर दिया गया था। किसान अनिल कुमार विजय सिंह को प्राधिकरण ने 75,86,000 रुपये बतौर मुआवजा भेजे थे। यह पैसा भी हाथोंहाथ राजेश शर्मा को ट्रांसफर कर दिया गया है। कुल मिलाकर 3,91,32,800 रुपये राजेश शर्मा के बैंक खातों में गए हैं। यह पूरा बयौरा Uttar Pradesh Times के पास उपलब्ध है।

राजेश का दिल्ली के केबल नेटवर्क से ताल्लुक
राजेश शर्मा का ताल्लुक दिल्ली के केबल कारोबार से है। फिलहाल वह तीन कंपनियां ग्रीन कैकेटसु ऑटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड और एसएचआर टेलीसर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का संचालन कर रहा है। चिटहेरा भूमि घोटाले को अंजाम देने के लिए राजेश शर्मा ने अपनी सबसे पुराणी कंपनी एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया है। यह पूरा मामला मणि लॉन्ड्रिंग का है। चिटहेरा भूमि घोटाले में यशपाल तोमर की करीब 200 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियां जब्त की गई हैं। उसके खिलाफ हरिद्वार, मेरठ और गौतमबुद्ध नगर में गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे दर्ज किए गए हैं, लेकिन राजेश शर्मा इस कार्रवाई की जद में नहीं आया है।

घोटाले में यशपाल से बड़ा बेनिफिशयरी राजेश
चिटहेरा गांव के किसानों का कहना है, "हमारी जमीन दो कंपनियों ने हथियाई हैं। एक त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड है। इस कंपनी और इसके निदेशक मंडल को भूमाफिया घोषित किया गया है। तीन निदेशकों के खिलाफ पुलिस के चार्जशीट दाखिल की है। कंपनी का आधिकारिक व्यक्ति नरेंद्र गैंगस्टर एक्ट में फरार चल रहा है। उस पर ईनाम घोषित है। त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को पैसा वापस लौटा दिया है। दूसरी कंपनी एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड है। इस कंपनी और इसके निदेशक मंडल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।" एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मंडल में राजेश कुमार शर्मा के  अलावा 22 अप्रैल 2022 से पवन कुमार गुप्ता और विनोद हैं। राजेश शर्मा वर्ष 2012 से डायरेक्टर है।

राजेश की पत्नी ने भी बैंक ट्रांजेक्शन किए
चिटहेरा भूमि घोटाले से जुड़े लेनदेन में केवल राजेश शर्मा ही नहीं उसकी बीवी भी शामिल रही है। ऐसे ट्रांजेक्शन गौतमबुद्ध नगर पुलिस की तफ्तीश में सामने आए थे, लेकिन ऐसे तथ्यों को मुकदमे की इन्वेस्टिगेशन में शामिल नहीं किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक राजेश शर्मा की दिल्ली और उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पकड़ है। उसने इस मामले में राजनीतिक रिश्तों का भरपूर इस्तेमाल किया है। यही वजह है कि पुलिस ने राजेश शर्मा से जुड़े तथ्यों को नजरअंदाज किया। जानकारी के मुताबिक, राजेश शर्मा अब यशपाल तोमर को कानूनी सुविधाएं मुहैया करवा रहा है।

मौज छान रहे हैं घोटाले के कई और लाभार्थी
इस घोटाले का वास्तविक फ़ायदा उठाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यशपाल तोमर, उसका ससुर ज्ञानचंद, साला अरुण सिंह, भाई नरेश तोमर और ममेरा भाई गजेंद्र सिंह भूमि घोटाले में सक्रिय रूप से शामिल रहे। इन लोगों ने किसानों से जमीन हड़पने, एक-दूसरे को लैंड ट्रांसफर करने, किसानों का मुआवजा हड़पने, किसानों के ख़िलाफ फर्ज़ी मुकदमे दर्ज करवाने, किसानों को डराने-धमकाने और गलत ढंग से करोड़ों रुपये का लेन-देन किया है। यशपाल तोमर की शेल कंपनी तोमर की कंपनी आर्यनवीर एग्रो के बैंक खातों से करमवीर, मालू और बैलू के बीच ट्रांजेक्शन हुए हैं। इस घोटाले की एक-एक कड़ी जोड़ने के लिए यह काफी हैं। इन सारे लोगों ने चिटहेरा की जमीन हड़प कर यशपाल तोमर के ससुर ज्ञानचंद के नाम की थी। ज्ञानचंद ने सारी प्रॉपर्टी वसीयतनामे के जरिए अपनी बेटी (यशपाल तोमर की पत्नी अंजना चंद) के नाम कर दी थी। वसीयत और बैनामों के बारे में गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने कभी जांच नहीं की। कुल मिलाकर भूमि घोटाले से अर्जित अरबों रुपये की संपत्तियां राजेश कुमार शर्मा और अंजना चंद के नाम चली गई हैं। गौतमबुद्ध नगर पुलिस की एसआईटी ने राजेश या अंजना चंद से इस बारे में पूछताछ तक नहीं की।

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