कोलकाता रेप एंड मर्डर केस : शारदा अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने किया प्रदर्शन, निकाला शांतिपूर्ण मार्च

UPT | डॉक्टरों ने निकाला मार्च।

Aug 17, 2024 19:45

कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना के विरोध में शांतिपूर्ण पैदल मार्च निकाला। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेतृत्व में आयोजित इस प्रदर्शन में...

Short Highlights
  • शारदा अस्पताल के चिकित्सकों और मेडिकल छात्रों ने शांतिपूर्ण पैदल मार्च निकाला
  • करीब 300 प्रतिभागियों ने इस मार्च में हिस्सा लिया
  • प्रदर्शन के दौरान ओपीडी सेवाएं बंद रखी गईं
Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित शारदा अस्पताल के चिकित्सकों और मेडिकल छात्रों ने कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना के विरोध में शांतिपूर्ण पैदल मार्च निकाला। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेतृत्व में आयोजित इस प्रदर्शन में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, एमबीबीएस के इंटर्नशिप डॉक्टर और छात्र शामिल हुए। करीब 300 प्रतिभागियों ने इस मार्च में हिस्सा लिया, जिसका उद्देश्य पीड़िता को न्याय दिलाना और डॉक्टरों के लिए कड़े सुरक्षा नियमों की मांग करना था।

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जताई चिंता
शारदा अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. विश्वानी और उपाध्यक्ष सुम्मैया ने इस घटना को मानवता के खिलाफ एक अपराध बताया। उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल चिकित्सा पेशे के लिए, बल्कि समाज के लिए भी निराशाजनक है। उन्होंने कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की और कहा कि डॉक्टर और नर्स अब अस्पतालों में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।



इमरजेंसी और रेडियोलॉजी सेवाएं जारी रहीं
इसके अलावा अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. रामामूर्ति शर्मा ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान ओपीडी सेवाएं बंद रखी गईं, लेकिन मरीजों की सुविधा के लिए इमरजेंसी और रेडियोलॉजी सेवाएं जारी रहीं। उन्होंने मांग की कि देश भर के सभी अस्पतालों को हवाई अड्डों की तरह सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाएं, ताकि चिकित्सक बिना किसी भय के अपना काम कर सकें।

पैदल मार्च में विभिन्न विभागों से शामिल हुए चिकित्सक
वहीं इस प्रदर्शन में अस्पताल के विभिन्न विभागों के प्रमुख चिकित्सक शामिल हुए, जिनमें डॉ. ए.के. गड़पायले, डॉ. समता गुप्ता, डॉ. अर्चना मेहता, डॉ. जे.एल. गोयल, डॉ. रुचि श्रीवास्तव, डॉ. विशाल गुप्ता और डॉ. विक्रम चौहान, डॉ. श्रेय श्रीवास्तव और डॉ. भूमेश त्यागी प्रमुख थे। इस घटना ने चिकित्सा समुदाय में व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है। 

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